इस कहानी में तीन दोस्त की कहानी शेयर की गई है जिसमें तीनों दोस्त एक स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। और अपने आने वाले भविष्य के विषय में वार्तालाप कर रहें होते हैं। यह काफी मनोरंजक कहानी है। अतः आप इसे पूरा जरूर पढ़ें।
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तीन दोस्त की कहानी – Three Friends Story in Hindi
पात्र परिचय
समीर – अमीर परिवार से है और थोड़ा घमंडी भी।
विनय – एक मीडियम परिवार से है और यह शराबी है।
राहुल – गरीब परिवार में से है।
अमन – राहुल का छोटा भाई है।
अन्य – डॉक्टर और गाँव के लोग।
तीन दोस्त कहानी की शुरूआत
समीर, विनय और राहुल तीनों दोस्त है और वह एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। एक दिन तीनों दोस्त आपस में बात करते हुए –
विनय – अरे समीर हम इतना पढ़कर क्या करेंगे, मैं तो अपने गाँव में रहूँगा कुछ काम धन्धा करूँगा। मेरा तो वैसे भी पढ़ाई-लिखाई में मन भी नही लगता।
राहुल – मैं,… मैं तो अपने गाँव के लिए ही पढ़ रहा हूँ, मैं आगे चलकर गाँव में एक बड़ी स्कूल खोलवाऊगा। और मुझे पैसों की कोई जरूरत नही है।
और इस प्रकार से कुछ दिनो बाद इनकी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाती है। समीर आगे की पढ़ाई के लिए शहर चला जाता है, और राहुल व विनय पढ़ाई छोड़ देते हैं।
कुछ वर्षों के बाद
(शराबी विनय दारू पीते हुए गाँव में इधर-उधर घूमता रहता है, और राहुल गाँव मे खेती का काम करने लगता है।)
राहुल – (गाँव में ही खेत में काम करते हुए) मेरे तो सभी सपने इसी मीट्टी में मिल गए। (अपने औजार उठाते हूए) एक मेरा दोस्त विनय है, जो किसी काम का नही रहा। (चलते हुए बोला) और एक शहर में चला गया। जब से गया उसका कुछ पता नही क्या करताहै। वो जब गाँव आएगा तो मैं उससे गाँव में स्कूल खुलवाने के लिए कहूँगा।
समीर – (एक दिन अचानक समीर अपने शहरी वेष-भूषा में गॉँव में आता है)
राहुल – (समीर को देखते ही खुसी से) ओ समीर! बहुत दिनों बाद दिखें। तुम तो गायब हो गये थे। कैसे हो (आगे हाथ बढ़ाकर बढ़ता है)।
समीर – ठीक हूँ। (हाथ नही मिलाता क्योंकि राहुल के खेतो में काम कर रहा था जिससे हाथों और कपड़ो में मिट्टी बगैरा लगी थी) और चला जाता है।
राहुल – शाम को पुनः समीर से मिलने उसके घर जाता है।
समीर – आओ राहुल, बैठो। और दोनो बैठ जाते है।
राहुल – बहुत दिनो बाद हम मिल रहे
समीर – हाँ राहुल बहुत दिन हो गए।
राहुल – शहर में कैसा रहा।
समीर – मस्त था। तुम बताओ कैसा चल रहा तुम्हारा।
राहुल – बस यार ऐसे ही चल रहा है। समीर मैं एक बात कहना चाहता हूँ (संकोच करते हुए कहता है)
समीर – कहो,
राहुल – मैं गाँव में एक विद्यालय खोलवाना चाहता हूँ।
समीर – ये तो अच्छी बात है। पर खोलेगें कैसे?
राहुल – पर तुम
समीर – मै कुछ नहीं कर सकता यह कोई बच्चों का खेल नही है। (दोनो शान्त बैठे रहते है कुछ देर तक) फिर
राहुल – अच्छा मैं चलता हूँ। और राहुल चला जाता है।
समीर – अपने शहरी पोशाक में गाँव मैं घूमने निकलता है। उसे उसका दोस्त विनय मिल जाता है।
विनय – अरे समीर तू कब आया।
समीर – कल आया यार। (दोनो साथ-साथ चलते है और काफी सारी बाते करते हैं)
(एक दिन समीर के घर राहुल पुनः जाता है)
समीर – आओ राहुल बैठो, कोई काम है क्या।
राहुल – (बैठते हुए और चेहरे पर थोड़ी उदासी भी है) हाँ, क्या बताऊ यार इस बर्ष सूखा पड़ा है खेती में बहुत मुश्किलें हैं। अगर तुम मुझे कुछ पैसे उधार ता देते तो मैं अपनी खेती कर लेता।
समीर – नही है मेरे पास पैसे जाओ कही दूसरी जगह से ले लो। उधार ही तो लेना है।
(और राहुल दुखी होकर चला जाता है।)
राहुल – (चलते हुए मन में सोचता है) जब अपना दोस्त ही मना कर दिया तो दूसरे क्या करेंगें) इसलिए किसी और के पास नही जाता।
कुछ दिनों बाद खेती न कर पाने के कारण राहुल मजदूरी करने लगता है।
धीरे-धीरे राहुल की हालात खराब हो जाती है। और एक दिन राहुल बीमार हो जाता है। और राहुल के पास दवाई कराने के लिए एक भी पैसा नही था।
अमन – भैया मैं तुम्हारे दोस्त समीर के पास जाता हूँ कुछ पैसे उधार लेकर दवाई लाता हूँ।
राहुल – नही; रहने दो, वो पैसे कभी नही देगा वह बिल्कुल बदल गया है। (और समीर के बारे में सब अमन को बताता है)
(अमन कुछ घरेलू नुक्से की मदद से घर पर काढ़ा बगैरा बनाकर 2-3 दिन तक देता है और फिर राहुल स्वस्थ होने लगता है।)
उधर विनय ज्यादा शराब पीने के कारण बीमार पड़ जाता है और समीर उसे लेकर अस्पताल जाता है।
डाक्टर – विनय की किडनी शराब पीने की वजह से खराब हो गई है, और यदि दूसरी किडनी नही मिली तो उसकी जान भी जा सकती है।
(यह जान कर समीर पैसे देने की डर से वहाँ से जाने लगता है। तभी राहुल दौड़ते हुए आता है।)
राहुल – कहाँ है विनय और कैसा है (डॉक्टर से पूछता है)।
डॉक्टर – विनय की एक किडनी पूरी तरह से खराब हो गई है और एक अच्छे से काम नही कर रही है। इसलिए जल्दी ही दूसरी किडनी लगाना होगा तभी बच पाएगा।
राहुल – डॉक्टर साहब मैं अपनी किडनी देने को तैयार हूँ।
डॉक्टर – ठीक है पर ऑपरेशन में काफी सारा पैसा लगेगा। पहले पैसे का जमा करा दो।
राहुल – पर मेरे पास पैसे तो नही है।
राहुल की बाते जानकर समीर का दिल पिघल जाता है, और वह वापस आ जाता है और पैसे देने के लिए तैयार हो जाता है।
समीर – डॉक्टर साहब आप ऑपरेशन की तैयारी कीजिए मै पैसे जमा कर रहाँ हूँ।
(फिर ऑपरेशन शुरू होता है और सफलता पूर्वक हो जाता है धीरे-धीरे उसकी तबियत में सुधार होने लगता है। और विनय अब दारू पीना छोड़ देता है)
एक महीना बाद
राहुल की तबियत पुनः खराब होने लगती है, और बहुत ज्यादा खराब हो जाती है राहुल के दोनो दोस्त देखने आते है।
राहुल – दोस्तों से कहता है, मैं तो अपने गाँव के लिए कुछ नही कर पाया लेकिन तुम लोग वादा करो कि गाँव में एक स्कूल ज़रूर बनवाओगे।
विनय और समीर – दोनो वादा करते है। और राहुल की मृत्यु हो जाती है, सब दुखी हो जाते है।
(फिर कुछ समय बाद दोनों दोस्त मिलकर गाँव में स्कूल बनवाते है और सभी गाँव वाले मिलकर स्कूल का उदघाटन करते है) विनय व समीर, राहुल को बहुत मिस करते है।
समाप्त
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