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Deepawali par Nibandh in Hindi | दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध

दीपावली पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। दीपावली प्रकाश का पर्व है इस दिन सभी के घरो में घी या तेल के दीपक जलाए जाते हैं। और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाए जाते हैं। दीपावली का त्योहार हम हर साल मनाते हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं कि दीपावली क्यों मनाई जाती है? और दीपावली पर दीपक क्यों जलाते हैं? तथा दीपावली पर्व पर क्या क्या परिवर्तन होता है।

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पर्वकब है
धनतेरशमंगलवार, 29 अक्टूबर
नरक चतुर्थीगुरुवार, 31 अक्टूबर
दीपावलीगुरुवार, 31 अक्टूबर
गोवर्धन पूजाशनिवार, 2 नवंबर
भाईदूजरविवार, 3 नवंबर
दीवाली कब है 2024 की

Deepawali par Nibandh in Hindi – दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध हिंदी में

त्रेतायुग में भगवान राम अयोध्या के राजा जब 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण को पराजित कर अपने अयोध्या नगरी में वापस लौटे तब, वहाँ के प्रजाजनों ने इस खुशी में पूरे अयोंध्या नगरी में दीपक जलाकर जश्न मनाया। जिससे कार्तिक मास की काली अमावश की रात पूर्णिमा की रात में बदल गई। और इसी कारण से इस त्योहार को प्रकाश पर्व या रोशनी का त्योहार के नाम से भी जाना जाता है।

और तब से हर वर्ष इसी दिन को दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा। हिन्दुओं के अलावा दीपावली का त्योहार सिख, जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। कार्तिक अमावस्या के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविन्द सिंह जी बादशाह जहांगीर की कैद से मुक्त होकर अमृतसर वापस लौटे थे। इसलिए सिख धर्म के लोग इसी खुशी में दीप जलाकर खुशिया मनाई थी।

तथा जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर ने भी दीपावली के दिन ही बिहार के पावापुरी में अपना शरीर त्याग दिया था। दीपोत्सव का वर्णन प्राचीन जैन ग्रंथों में भी मिलता है। कल्पसूत्र में कहा गया है कि महावीर-निर्वाण के साथ जो अन्तर्ज्योति सदा के लिए बुझ गई है, आओ हम उसकी क्षतिपूर्ति के लिए बहिर्ज्योति के प्रतीक दीप जलाएं।

दीपावली पर दीपक क्यों जलाते हैं?

दीपावली में घी या तेल के दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और चारो ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है।

Deepawali par Nibandh in Hindi | दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध हिंदी में
Deepawali par Nibandh in Hindi | दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध हिंदी में

दीपावली के दिन दीपक जलाने का दूसरा कारण यह है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत की जीत हुई थी। जिसकी खुशिया दीपक जलाकर चारो ओर अच्छाई का प्रकाश बिखेर कर मनाया जाता है।

दीपावली पर क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलता है?

दीपावली या दीवाली का त्योहार बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है। इसलिए दीपावली के एक माह पहले से ही दीपावली की तैयारिया शुरु हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं। घर में पुताई-लिपाई करते हैं। तथा अपने-अपने घर के चारों तरफ साफ-सफाई करते हैं। सभी लोग अपने घरों में साल भर से जमा हुए कवाड़, टूटे फुटे सामान को घर से बाहर निकाल देते हैं। माना जाता है कि जहाँ साफ सफाई होती है वहाँ लक्ष्मी जी का वास होता है।

रंगोली डिजाइन फोटो 2022 | Simple Rangoli designs for Home
रंगोली डिजाइन फोटो 2022

इसके साथ ही घरो की सजावज पर विशेष ध्यान दिया जाता है। चूँकि दीपावली रोशनी का त्योहार है इसलिए सभी लोग अपने घरो में रंग-बिरंगी लाइट, झिलमिली आदि से सजावज करते हैं। इस प्रकार से दीपावली पर चारों तरफ जगमगाती लाइटे और दीपक को देखकर मन खिलखिला उठता है। ऐसा लगता है की चांद सितारे पृथ्वी पर उतर आए हैं।

दीवाली के दिन क्याक्या होता है?

दीपावली के शुभ अवसर पर बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी भगवान की मूर्तियों की खूब खरीदारी की जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल रहती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। बच्चे व बड़े सभी बाजार से पटाखे, विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि खरीदते हैं।

लक्ष्मी जी का आपके सिर पर हाथ हो
सरस्वती जी का साथ हो
गणेश जी का दिल में निवास हो
आपके जीवन में खुशियों का प्रकाश ही प्रकाश हो

दीवाली के दिन घरों में तरह-तरह की रंगोलिया बनाई जाती है। मिट्टी के दीपक में घी या तेल डालकर जलाया जाता है। और सभी जगह रखा जाता है। साथ ही गणेश जी, लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। फिर सभी लोग मिलकर आतिशबाजी पटाखे, फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि जलाते हैं। और अच्छे पकवान बनाए जाते है।

हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली;
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली।।

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव

  1. दीपावली का यह त्योहार करीब 5 दिनों तक चलता है। जिसके पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण और बर्तनों की खरीददारी करते हैं।
  2. दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  3. तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इसी दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। और दीपावली मनाई जाती है।
  4. दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  5. और दीपावली पर्व के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस तरह यह दीपावली 5 दिन तक मनाया जाता है।

दीपावली के फायदे और नुकसान क्या है?

दीपावली के लाभ

  • छोटे-बड़े सभी व्यापारियो के लिए यह अच्छा समय होता है कमाई करने का। क्योंकि इस समय लोग काफी चीजे खरीदने के मूड़ में होते हैं। जिससे व्यापारियों की अत्यधिक कमाई हो जाती है।
  • दीपावली के कारण सभी लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं और घरों की सजावट करते हैं। जिससे चारों ओर का वातावरण साफ सुथरा हो जात है।
  • दीपावली का त्योहार लोगों के रिश्ते में और ज्यादा मजबूती लाता है। जिससे रिश्तो में मिठास बढ़ती है।
  • घरों में लोग अपने जरूरत के नए-नए सामान खरीद कर लाते हैं। जो कि हमारे लाइफ स्टाइल को और आसान बनाते हैं।

दीपावली की हानियाँ

  • दीपावली पर अतिशबाजी के कारण ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण फैलता है। वायु में चारों ओर पटाखे और फुलझडियों का धुआं फैल जाता जिससे आंखो में जलन व सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • दीपावली पर बहुत ज्यादा दीपक जलाया जाता है जिसके कारण बहुत सारा तेल व्यर्थ ही जल जाता है।
  • मिठाईया और तरह-तरह के पकवान खाने से स्वास्थ पर प्रभाव पड़ता है।
  • दीपावली पर लोग दिखावे के चक्कर में और घरों की सजावट के कारण फिजूल के खर्चे करते हैं।
  • दीपावली पर घरो में तरह-तरह की रंग बिरंगी लाइटे लगाई जाती हैं जिससे बिजली का खर्चा बढ़ता है।

उपसंहार

दीपावली का त्योहार रोशनी का त्योहार है। जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आने लगता है तो इसके साथ ही घरो की रौनक भी बढ़ने लगती है। दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसलिए अंधेरे जैसे शैतान को दीपक जलाकर दूर भगाया जाता है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

चूंकि यह त्योहार पर दीपो का त्योहार है इसलिए हमें दीपक आदि जलाकर ही इसे मनाना चाहिए लेकिन हम पटाखे फुलझड़ी अनार जैसे चीजो में फिजूल के खर्चे करते हैं। जिससे कि पैसा तो व्यर्थ होता ही है इसके साथ ही वातावरण भी प्रदूषित होता है। अतः इन चीजो का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे प्रकृति और अन्य जीवों को भी कोई नुकसान न हो।

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यह भी पढ़े : दीपावली पर निबंध 10 लाइन

Diwali par Nibandh 10 Line

FAQ About Deepawali

Q. दीपावली कब है 2024 में?

Ans.
धनतेरश : मंगलवार, 29 अक्टूबर
नरक चतुर्थी : गुरुवार, 31 अक्टूबर
दीपावली : गुरुवार, 31 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा : शनिवार, 2 नवंबर
भाईदूज : रविवार, 3 नवंबर

Q. दीपावली कौन से महीने में मनाए जाते हैं?

Ans. दीपावली हिंदू कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

Q. दीपावली पर सबसे ज्यादा महत्व किसका होता है?

Ans. दीपावली में मिट्टी के बने दीपक का सबसे ज्यादा महत्व होता है।

Q. दीपावली पर बच्चों को सबसे ज्यादा क्या पसंद आता है?

Ans. पटाखे, फुलझड़ी, चक्री, अनार, राकेट आदि।

Q. दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है

Ans. भगवान श्री गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।


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Rohit Soni

Rohit Soni

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya पर हम उपयोगी, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके।View Author posts

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