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वायु प्रदूषण पर निबंध, कारण और वायु प्रदूषण रोकने के उपाय
इस पोस्ट में हम वायु प्रदुषण पर निबंंध शेयर कर रहे हैं। जिसमें इन पॉइंट के बारे में बात की गई है वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण का अर्थ, वायु प्रदूषण के कारण क्या है? वायु प्रदूषण के प्रभाव, वायु प्रदूषण रोकने के उपाय क्या हैं?
प्रस्तावना – Introduction
स्वच्छ वायु में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ, धूल, विषैली गैसें, जैविक पदार्थ, कार्बन डाइ आक्साइड आदि के कारण वायु प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण प्रमुख पर्यावरर्णीय मुद्दों में से एक है। वायु प्रदूषण के कारण ओजोन परत भी बहुत अधिक प्रभावित हो रही है।
वायु प्रदूषण बढ़ने के कई सारी वजह है। जिसमें पेड़ो की कटाई, केमिकल कम्पनी, गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की वजह से फैलने वाला प्रदूषण।
वायु प्रदूषण क्या है? What is air pollution
वायु में कुछ तत्वों के अनावश्यक रूप से मिल जाने पर वायु के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई भी अवांछित परिवर्तन जिसके द्वारा स्वयं मनुष्य के जीवन या अन्य जीवों, जीवन परिस्थितियों तथा हमारी सांस्कृतिक सम्पदा नष्ट हो या उसे हानि पहुंचे वायु प्रदूषण कहलाता है।
वायु प्रदूषण का अर्थ – Meaning of air pollution
वायु प्रदूषण का अर्थ होता है शुद्ध वायु में अनावश्यक तत्वों का मिल जाना। जिससे वायु की गुणवत्ता में ह्रास हो जाना वायु प्रदूषण है। और इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
वायु प्रदूषण के कारण – Reason of air pollution
प्राकृतिक कारण :
प्राकृतिक स्रोत प्रकृति में ऐसे कई स्रोत हैं जो वायुमंडल को दूषित करते हैं जैसे ज्वालामुखी विस्फोट, ज्वालामुखी से राख, कार्बन डाइऑक्साइड, धुआं, धूल और अन्य ज़हरीली गैसें शामिल होती है। और तूफान, जंगलों की आग, कोहरा, बंजर भूमि से उड़ने वाली धूल, इत्यादि प्राकृतिक स्रोत वायु मंडल को प्रदूषित करते हैं।
वायु प्रदूषण के मानवीय कारण :
पेड़ की कटाई
पेड़ अपनी पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण का बहुत बड़ा हिस्सा है। जो हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का प्रभाव कम करके हवा शुद्ध रखता है। लेकिन आज के समय में पेड़ की कटाई का प्रमाण ज्यादा बढ़ गया है जिसकी वजह से वायु दूषित हो रहा है और नई नई बीमारियों का जन्म हो रहा है।
केमिकल कंपनियां
केमिकल कंपनियां जब चालू रहते हैं तब उनके द्वारा हो रहे केमिकल के काम के वजह से शुद्ध वातावरण में घातक केमिकल की गैस फैल जाती है। जिसका खामियाजा सिर्फ मानव जाति ही नहीं बल्कि पूरे जीव सृष्टि को भुगतना पड़ता है।
गाड़ियों का धुऑ
गाड़ियों में ईंधन का इस्तेमाल गाड़ियों को चलाने के लिए होता है। इस ईंधन की वजह से गाड़ी के स्टार्ट होते ही जो धुआं गाड़ी से निकलता है, वह केमिकल से भरी गैस होती है। जो हवा में फैलते ही शुद्ध हवा को पूरी तरह से दूषित कर देता है।
कृषि कार्य से
बहुत से ऐसे किसान है जो फसल काटने के बाद बचे हुए डंठल व भूसा में आग लगा देते हैं। और रातों-रात आस-पास के वातावरण में धुआं, और राख के कण आदि हवा में फैल जाता है। जिससे सांस लेने में काफी तकलीफ उठानी पड़ती है।
वायु प्रदूषण के प्रभाव – Effects of air pollution
दूषित हवा की वजह से पूरे वातावरण में नई बीमारियां जन्म लेती है। इसी वायु प्रदूषण की वजह से सिर्फ हम मनुष्यों को ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के पक्षी और प्राणियों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। कई प्रकार के पक्षी और प्राणियों की इसी प्रदूषित वायु की वजह से मृत्यु हो जाती है। वही व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है या फिर इससे संबंधित कई बीमारियां हो जाती हैं। और कई लोगों की इस वायु प्रदूषण की वजह से मृत्यु भी हो जाती है।
इसके साथ ही वायु प्रदूषण के कारण प्राकृतिक जलवायु में भी परिवर्तन हो जाता है। साथ ही इसका प्रभाव ओज़ोन परत जो कि सूर्य की हानिकारक किरणों को पृथ्वी में प्रवेश करने से रोकती है। जिससे धरती पर जीवन संभव हुआ है, वह भी इसकी वजह से क्षीण ( विरल ) हो रही है।
प्रदूषण से बच्चों की उम्र में कमी होती जा रही है, साथ ही सर्दियों में कोहरा छाया रहता है और इस कोहरे में धूल-मिट्टी के कण मिल जाते हैं जिससे आंखों में जलन होने लगती है।
वायु प्रदूषण रोकने के उपाय
प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे पहले हमें पेड़ो की कटाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना होगा। अगर हम लोग इस पेड़ो की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगाने में सफल हुए, तो वातावरण में बढ़ते हुए कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम हो जाएगी। जिससे वातावरण फिर से पहले की तरह शुद्ध हो जाएगा तथा अधिक से वृक्षारोपण करना चाहिए।
“वृक्ष धरा के भूषण हैं, करते दूर प्रदूषण हैं।
वृक्षों के हैं ये उपकार, शीतल छाया मंद वयार।।”
केमिकल आधारित कंपनियों पर नई टेक्नोलॉजी के प्रयोग कर निकलने वाले गैसों को पहले फिल्टर करना चाहिए तभी वायु में छोड़ना चाहिए। क्योंकि इसी केमिकल की वजह से सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं बल्कि जल प्रदूषण भी होता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ का इस्तेमाल शुरु करना चाहिए क्योंकि ईंधन युक्त गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुऑ पूरे वातावरण को प्रदूषित कर देता है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए। सभी देशों के सरकार को इस विषय को लेकर ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। और इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा बढ़ावा देना चाहिए।
फसलो के डंठल या भूसा में आग लगाने पर रोक लगानी चाहिए। जलाने की जगह इसे मिट्टी में ही कम्पोस्ट कर देना चाहिए। जिससे भूमि भी उपजाऊ बनेगी और वातावरण भी शुद्ध रहेगा।
उपसंहार
वायु प्रदूषण यानी कि Air pollution मनुष्य को जीवन देने वाली हवा को इतना प्रदूषित कर दिया है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है बढ़ते हुए कारखाने, सड़कों पर दौड़ती हुई कारों का धआं, बिजली संयंत्रों में कोयले की खपत आदि हवा में प्रदूषण को बढ़ाती है। पेड़ो के काटने से तथा जंगलों में आग लगने से से दिन-प्रतिदिन जंगल कम होता जा रहा है। जिससे हवा में प्रदूषण के कारण कई बीमारियों को जन्म होता हैं। इसलिए लोगों को पहले से जानकारी दी जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक बचा जा सकता है।
आपने देखा होगा खेतों में गेहूं की फसल हो या चावल की उसके बचे हुए अपशिष्ट को जला दिया जाता है। जिससे रातों रात पूरा वातावरण प्रदूषित हो जाता है। परिणाम सुबह उठकर देखा जाता है कि गर्मियों में भी कोहरे की छवि दिखाई देती है। पर्यावरण के प्रभाव के कारण मनुष्य पशु और पक्षियों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है।
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FAQ
Q. वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा कितनी है?
Ans. वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) की मात्रा लगभग 0.03 प्रतिशत है।
Q. वायुमंडल में सबसे ज्यादा गैस कौन सी पाई जाती है?
Ans. वायुमंडल में सबसे ज्यादा नाइट्रोजन गैस पाई जाती है, जो कि सभी गैसों में से अकेले 78 प्रतिशत है।
Q. वायुमंडल में गैसों की मात्रा क्या है?
Ans.
नाइट्रोजन – 78.09%
ऑक्सीजन – 20.95%
आर्गन – 0.93%
कार्बन डाइआक्साइड – 0.03%
निऑन – 0.0018%
हाइड्रोजन – 0.001%
हीलियम – 0.000524%
क्रिप्टन – 0.0001%
ज़ेनान – 0.000008%
ओज़ोन – 0.000001%, तथा
गैस मीथेन – अल्प मात्रा में।