ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा शब्द है जिससे हर एक व्यक्ति भली-भाति परिचित है। हमारी धरती आज की सबसे जटिल समस्याओं में से एक ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है। लेकिन, इस शब्द का अर्थ सही अर्थ अधिकांश लोगो को नही पता है। आज हम Global Warming in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस पोस्ट में जानेंगे ग्लोबल वार्मिंग क्या है? ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के क्या कारण है? ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने से क्या-क्या प्रभावित होगा। तथा साथ ही Global warming को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते है।
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ग्लोबल वार्मिंग क्या है? Global warming meaning in hindi
सरल शब्दों में ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ होता है पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि और इसके कारण होने वाले मौसम में परिवर्तन । मनुष्यों द्वारा की जाने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधिओ के कारण, पृथ्वी के वातावरण का तापमान सामन्यतः धीरे-धीरे बढ़ता चला जा रहा है। इस बढ़े हुए औसत तापमान यानी ग्लोबल वार्मिंग की बजह से विशालकाय हिम ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जिससे समुद्र का जल स्तर ऊँचा उठ रहा है। यही कारण है कि समुद्रों में मौजूद छोटे-छोटे टापू और तटीय इलाक़ा आज समुद्र की गोद में समा गए।

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव धरती के साथ-साथ इंसानो, जीव-जन्तुओं तथा पेड़-पौधों इत्यादि सभी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ रहा है। मौसम में परिवर्तन हो चुका है, कही अचानक अत्यधिक बारिश होने लगती है जिससे बाढ़ का आतंक फैल जाता है। तो कही पर सूखा जैसी विशाल आपदा सामना करना पड़ जाता है। लेकिन इन सब के जिम्मेदार प्रकृति से ज्यादा हम इंसान ही तो है। हम एक तरफ अंधाधुन्ध पेड़ों की कटाई किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ाते जा रहे है। जिससे पृथ्वी का वातावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण – Global warming ke karan
ग्लोबल वार्मिंग इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है। आइए इसका कारण जानते है-
- निरंतर प्रदूषण बढ़ रहा है और फिर भी पेड़ो की अंधाधुन्ध कटाई चल रही है। मानव अपने स्वार्थ के लिए दिन-प्रतिदिन पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है। जिसकी बजह से ग्रीन हाउस गैसों का संतुलन बिगड़ रहा है। फलस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है।
- तीव्र औद्योगीकिकरण और जनसंख्या वृद्धि के परिणाम स्वरूप वातावरण में कार्बन डाइ ऑक्साइड बहुत ज्यादा मात्रा में उत्सर्जित हो रहा है। जिससे पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है। वैज्ञानिक का मानना है कि कार्बन डाइऑक्साइड और तापमान वृद्धि में गहरा सम्बन्ध है।
- इसके साथ ही प्राकृतिक कारण जैसे ज्वालामुखी का फटना भी ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहा है। क्योंकि ज्वालामुखी विस्फोट से भारी मात्रा में Co2 व मिथेन गैसे निकलती है। तथा ग्नीन हाउस गैसें शामिल है।
- गावों का शहरी करण में परिवर्तित हो जाने से और पेड़-पौधों की जगह ऊँची-ऊँची इमारते खड़ी करने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है। क्योंकि पेड़-पौधे co2 को सोखते है और ऑक्सीजन को उत्सर्जित करते रहते है। जिससे संतुलन बना रहता है।
- यातायात के वाहनों से निकलने वाला ज़हरीली धुआँ तथा Air conditioner, फ्रीज जैसे उपकरणों का अत्यधिक प्रयोग करना।
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ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव
- ग्लोबल वार्मिंग की बजह से विशालकाय हिम ग्लेशियर भी अब तेजी से पिघल रहे हैं। जिससे समुद्र का जल स्तर ऊँचा उठ रहा है। परिणाम स्वरूप समुद्रों में मौजूद छोटे-छोटे टापू और तटीय इलाका आज समुद्र की गोद में समा गए।
- Global warming के कारण आज कई प्रकार प्रजातिया विलुप्त होती जा रही है। और अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब धरती जीवन जीने योग्य ही न बचे आज भी कई और दुर्लभ प्रजातियों पर संकट मड़रा रहा है।
- भीषण गर्मी,सूखा तो कभी भयानक बाढ़ आदि मौसम में बदलाव सब ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम से ही तो हो रहे है।
- मौसम में बदलाव होने के कारण फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है जिससे महगाई बढ़ रही है। नतीजा पूरी अर्थव्यवस्था चर्मरा गई है।
ग्लोबल वार्मिंग के लाभ और हानि
जहाँ एक ओर Global warming के बढ़ने से हमारे जलवायु में बुरा असर पड़ रहा है तो वही दूसरी ओर इसके न होने से पृथ्वी पर जीवन भी संभव नही है। आइए जानते है कैसे-
ग्लोबल वार्मिंग से लाभ
पृथ्वी की सतह से ऊपर चारों ओर ग्रीन हाउस गैसों (जीवन जीने के लिए आवश्यक गैसें) की परत होती है। यह गैसें सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणो को रोक देती है और साथ ही सूर्य से आने वाली उष्मा को अंदर आने देती है तथा जब उष्मा धरती से टकरा कर वापस जाती है तो ये ग्रीन हाउस गैसें यानी ओज़ोन परत उष्मा को बाहर नही जाने देती, जिससे पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए जरूरी तापमान का संतुलन बना रहता है।
ग्लोबल वार्मिंग से हानिया
ग्लेश्यिर का पिघलना, तापमान में वृद्धि होना, मौसम में परिवर्तन जिससे सूखा,बाढ़, तथा रेगिस्तान में बढ़ोत्तरी आदि जैसी प्राकृतिक घटनाए अधिक होने लगी है। ग्लेश्यिर की विशाल चट्टाने टूट कर पानी में तबदील होने से समुदीय जल स्तर बढ़ रहा है। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग की बजह से बच्चों से लेकर वृद्ध लोगों में बीमारिया ज्यादा बढ़ रही है।
ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के उपाय
- ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण को कम करना होगा इसके लिए जहाँ तक हो सके निजी वाहनो की जगह सार्वजनिक वाहने का इस्तेमान करना चाहिये। और लम्बे सफर के लिए कार की जगह ट्रेन का चुनाव करे। जिससे कम गाड़िया चलेगी और प्रदूषण कम होगा।
- पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनो के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनो का इस्तेमाल शुरु कर देना चाहिये। इससे वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी कमी होगी।
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए ताकि पर्यावरण को संतुलित बनाया जा सके। जो कि ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मदद करेगा।
- एयर कंडीसनर, फ्रीज आदि का जितना हो सके कम ही उपयोग करें। और बिजली जगह सौर उर्जा से चलने वाले यंत्रो का उपयोग शुरु करें।
उपसंहार
ग्लोबल वार्मिंग दुनिया भर में एक बड़ी चुनौती का विषय बना हुआ है। इसे अकेले नही रोका जा सकता इसे रोकने के लिए सभी व्यक्तियों और सरकार के संयुक्त प्रयास से पूरी दुनिया के सहयोग द्वारा किया जा सकता है। वनों की कटाई पर विशेष रोक लगाई जानी जरूरी है तथा साथ ही ज्यादा से ज्यादा वनों का पुनः रोपण किया जाना चाहिए।आज के इस पोस्ट Global Warming in Hindi में हमने जाना ग्लोबल वार्मिंग क्या है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण, दुष्प्रभाव तथा इससे बचने के उपाय । साथ ही हमने जाना ग्लोबल वार्मिंग के लाभ तथा हाँनिया क्या है।
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FAQ ग्लोबल वार्मिंग
Q: ग्लोबल वार्मिंग क्या है in Hindi?
Ans: सौरमंडल में पृथ्वी की सतह के करीब के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को वैश्विक तापन या ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।
Q: ग्लोबल वार्मिंग के कारण in points
Ans: ग्लोबल वार्मिंग के कारण यह है –
1. पेड़ो की अंधाधुन्ध कटाई
2. विभिन्न प्रकार के प्रदूषण
3. जन्संख्या विस्फोट
4. आवश्यकता से अधिक आधुनिकीकरण
5. वाहनों, कारखानों और ज्वालामुखी से निकलने वाली जहरीली गैसे
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