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Essay in Hindi on Diwali | दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

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Essay in Hindi on Diwali – दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

Essay in Hindi on Diwali - दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में
Essay in Hindi on Diwali – दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली;
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली।।

[ रूपरेखा – (1) प्रस्तावना (2) त्योहारों में दीपावली का महत्व (3) पर्व मनाने का कारण, समय और अवधि, (4) दीपावली त्योहार की तैयारी (5) उपयोगिता एवं हानियाँ, (6) उपसंहार। ]

प्रस्तावना (Introduction)

दीपावली पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। दीपावली प्रकाश का पर्व है इस दिन सभी के घरो में घी या तेल के दीपक जलाए जाते हैं। और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाए जाते हैं। बच्चे और यूवा आमतौर पर इस त्योहार को बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है। सभी अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दीपावली का त्योहार हम हर साल मनाते हैं।

त्योहारों में दीपावली का महत्व

सभी त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। इसलिए इस त्योहार को प्रकाश पर्व या रोशनी का त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। दीवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है। भारत वर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्व है।

पर्व मनाने का कारण, समय और अवधि

दीपावली इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि जब त्रेतायुग में अयोध्या के राजा भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण को पराजित कर अपने अयोध्या नगरी में वापस लौटे तब, वहाँ के प्रजाजनों ने इस खुशी में पूरे अयोध्या नगरी में दिये जलाकर जश्न मनाया। जिससे कार्तिक मास की अमावश की काली रात पूर्णिमा की रात में बदल गई। और इसी कारण से इस त्योहार को प्रकाश पर्व या रोशनी का त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। दीवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार की तैयारी

दीपावली का त्योहार बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है। इसलिए दीपावली के एक माह पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरु हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं। घर में पुताई-लिपाई के साथ अपने-अपने घरों के चारों तरफ साफ-सफाई करते हैं। सभी लोग अपने घरों में साल भर से जमा हुए कवाड़, टूटे फुटे सामान को घर से बाहर निकाल देते हैं। माना जाता है कि जहाँ साफ सफाई होती है वहाँ लक्ष्मी जी का वास होता है।

इसके साथ ही घरो की सजावज पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। चूँकि दीपावली रोशनी का त्योहार है इसलिए सभी लोग अपने घरो में रंग-बिरंगी लाइट, झिलमिली आदि से सजावज करते हैं। इस प्रकार से दीपावली पर चारों तरफ जगमगाती लाइटे और दीपक को देखकर मन खिलखिला उठता है। ऐसा लगता है की चाँद सितारे पृथ्वी पर उतर आए हैं।

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उपयोगिता एवं हानियाँ

दीपावली में घी या तेल के दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है। इसके साथ ही दीपावली का त्योहार हमारे प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है व हमें सही राह पर चलने की सीख देता है।

परन्तु दीपावली पर्व की कुछ हानियाँ भी सामने आती है जैसे पटाखो के कारण प्रदूषण फैलता है। घी एवं तेल की बहुत अधिक बर्बादी होती है। अत्यधिक सजावट के कारण बिजली की बर्बादी होती है। अत्यधिक मिठाई व पकवान खाने के कारण लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ता है।

उपसंहार (Conclusion)

दीपावली का त्योहार रोशनी का त्योहार है। जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आने लगता है तो इसके साथ ही घरों की रौनक भी बढ़ने लगती है। दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसलिए अंधेरे जैसे शैतान को दीपक जलाकर दूर भगाया जाता है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह त्योहार हमें बहुत ही अच्छे से मनाना चाहिए जिससे आपस में भाई चारा बना रहे। दीवाली अपने साथ अपार ख़ुशी और प्रेम लेकर आता हैं।

चूंकि यह त्योहार पर दीपो का त्योहार है इसलिए हमें दीपक आदि जला कर ही इसे मनाना चाहिए लेकिन हम पटाखे फुलझड़ी अनार जैसे चीजो में फिजूल के खर्चे करते हैं। जिससे कि पैसा तो व्यर्थ होता ही है इसके साथ ही वातावरण भी प्रदूषित होता है। अतः इन चीजो का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे प्रकृति और अन्य जीवों को भी कोई नुकसान न हो।

उम्मीद करता हूँ की आपको हमारी पोस्ट Essay in Hindi on Diwali – दीपावली पर निबंध पसंद आया होगा। साथ ही अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करें।

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दीपावली पर निबंध 250 शब्दों में

दीपावली एक रोशनी का पर्व है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। दीपावली हम हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाते हैं। इस दिन शाम को घी या तेल के दीपक जलाए जाते हैं। और भगवान श्री गणेश, माता लक्ष्मी और राम जी की पूजा की जाती है। इसके बाद सभी बच्चे और बड़े जन मिलकर आतिशबाजी (पटाखे, चक्री, अनार, राकेट जलाते हैं) करते हैं।

सभी लोग एक दूसरे को मिठाई और उपहार भेट करते हैं। यह त्योहार खासकर बच्चों को सबसे ज्यादा पसंद होता है। दीपावली का पर्व भगवान श्री राम के 14 वर्ष वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटने की खुशी में अयोध्या की प्रजाजनो द्वारा पूरे नगरी में दिया जलाकर मनाया गया था। तभी से यह त्योहार मनाने की परंपरा शुरु हुई। आज भी पूरे भारतवर्ष में दीवाली को बहुत ही हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार के 1 माह पहले से ही सभी लोग अपने-अपने घरों की साफ सफाई में जुट जाते हैं। और घरों के साथ-साथ आसपास की जगहों की भी साफ सफाई की जाती है। घरों को रंग-बिरंगी लाईट और झिलमिली आदि से सजाते हैं। कुछ जगहों पर माताएं और बहने घरों के द्वार पर रंगोलिया बनाती हैं, जो काफी आकर्षक लगता है।

दीपावली के एक दिन पहले धनतेरश होता है इस दिन खूब खरीदारी की जाती है। लोग नए नए सामान खरीद कर घरों में लाते हैं। दीपावली के दिन व्यापारी अपने दुकान और वाहनों की भी पूजा करते हैं। इस प्रकार से दीवाली के त्योहार पर काफी चहल-पहल रहती है।

Diwali Essay in Hindi 10 Lines – दीपावली पर निबंध 10 लाइन

  1. दीपावली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार है।
  2. दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है।
  3. यह त्यौहार भगवान श्री राम के चौदह वर्ष वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
  4. दीपावली के एक माह पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं।
  5. दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  6. दीवली के दिन सभी लोग मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  7. बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि पटाखे, फुलझड़ी, चक्री आदी जलाने को मिलते है।
  8. दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है।
  9. दीवाली के दिन सभी बच्चे, युवा, और बूढ़े सभी देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  10. सभी लोग दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिठाई और उपहार बांटते हैं।

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Rohit Soni

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