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होली पर निबंध 500 शब्दों में | Holi par Nibandh in Hindi

Holi ka nibandh, Holi par Nibandh, होली पर निबंध 500 शब्दों में, होली कब से और क्यों मनाई जाती है? होली का क्या महत्व है?

होली क्यों मनाई जाती है?

होली का त्यौहार प्रमुख रूप से हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले त्यौहारों में से एक है। पूरे भारत में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ इस दिन लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते है और अच्छे-अच्छे पकवान भी बनाए जाते है। होली का रंग हम सभी को आपस में जोड़ता है, रिश्तों में प्रेम और अपनत्व लाता है। सभी लोग होली के पावन पर्व पर सारी दुख चिंताएँ भुलाकर एक दूसरे के साथ ख़ुशियाँ मनाते है।

भारतीय संस्कृति में सभी त्योहारों की तरह होली का त्योहार भी प्राचीन समय से ही हर वर्ष फाल्गुन (मार्च) में मनाया जाता है। लेकिन इसके पीछे कई मान्यताएं प्रचलित है। होली क्यों मनाई जाती है, होली कैसे मनाई जाती है, होली का क्या महत्व है, होलिका कौन थी इसकी जानकारी इस निबंध में जानेंगे।

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होली पर निबंध – Holi ka Nibandh

होली क्यों मनाई जाती है? होली पर निबंध
होली क्यों मनाई जाती है?

होली हर साल फाल्गुल (मार्च) माह के पूर्णिमा को मनाई जाती है। सभी घरों में तरह तरह के पकवान बनाये जाते है। जिनमें से मुख्य रूप से गुझिया, पापड़, गुलाब जामुन आदि ढेरो पकवान बनाये जाते है। होली के त्योहार पर लोगो में विशेष उर्जा का प्रवाह होता दिखाई देता है। आसमान में बिखरे रंग-गुलाल की रौनकता को देख कर मन खुशियों से झूम उठता है। वही सबसे ज्यादा उत्साह तो बच्चों में देखते बनता है। होली के कुछ दिन पहले से ही रंग-बिरंगी पिचकारी को अपने सीने से लगाए, सभी पर रंग डालते जोर-जोर से “होली है” कहते पूरे गली-मोहल्ले में भागते फिरते है।

होली कब से और क्यों मनाई जाती है?

होली का पर्व बड़े धूम-धाम से फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास है। प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक दुष्ट असुर हुआ करता था। जिसकी होलिका नाम की एक दुष्ट बहन थी। हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। हिरण्यकश्यप के एक पुत्र थे जिनका नाम प्रह्लाद था। वे भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। जबकि हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के विरोधी था। उसने प्रह्लाद को विष्णु की भक्ति करने से बहुत रोका और लगातार असफल प्रयास करता रहा।

लेकिन भक्त प्रह्लाद ने अपने पिता की किसी बात को नहीं मानी। जिससे नाराज़ होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जान से मारने का आदेश दिया। इसके लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। उसके बाद होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन जिस पर विष्णु की कृपा हो उसे क्या हो सकता है और प्रह्लाद आग में सुरक्षित बचे रहे, जबकि वही होलिका उस आग में जल कर भस्म हो गई। तब से ही होलिका दहन होने लगा।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन

प्राचीन काल से चली आ रही होलिका दहन की परम्परा को आज भी सभी राज्यो में होली के एक दिन पहले लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर लगाकर रात में जलाकर होलिका दहन करते हैं। और उसके अगले दिन सब लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालकर होली खेलते हैं। जैसे-जैसे होली का त्योहार पास आता है हमारा उत्साह भी उतना ही ज्यादा बढ़ता जाता है। होली सच्चे अर्थों में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जिसके रंग अनेकता में एकता को दर्शाते हैं। लोग एक दूसरे को प्रेम-स्नेह का रंग-गुलाल लगाते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लोकगीत गाये जाते हैं और एक दूसरे का मुँह मीठा कराया जाता है।

भारत के वभिन्न राज्यों की होली

होली क्यों मनाई जाती है?
होली क्यों मनाई जाती है?

भारत में होली का त्यौहार अलग-अलग राज्यो में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ब्रज की होली सारे देश में आकर्षण का केन्द्र बिंदु होती है।  बरसाने की होली लठमार होली  है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं, और महिलाएँ बचाव के लिए पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं।

इसी प्रकार मथुरा और वृंदावन में भी 15 दिनों तक होली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता हैं। होली के कुछ दिनों पहले यह सब शुरू हो जाता है। हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा प्रचलित है। होली मनाने में अलग-अलग जगहो पर अनेक समानताएँ भी और अनेक भिन्नताएँ भी हैं।

होली का क्या महत्व है?

होली का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसका सामाजिक महत्व भी है क्योंकि होली के पर्व पर सभी लोग आपसी मतभेद को भुलाकर एक दूसरे के साथ मिल कर होली मनाते है। कहा जाता है इस दिन किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी मतभेद दूर हो जाते हैं। क्योंकि लाल रंग प्रेम का प्रतीक होता है।

निष्कर्ष

होली का त्यौहार एकता, प्रेम, खुशी व आनंद का त्यौहार है। होली खेलने के लिए लोग ज्यादातर रंगो का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन गुलाल का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि रंग त्वचा और आँखों के लिए हानिकारक होते है। इसलिए हमे कैमिकल वाले रंग की जगह फूलों से बने गुलाल का प्रयोग करना चाहिए ताकि किसी को कोई नुकसान न हो।

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FAQ होली क्यों मनाई जाती है?

Q: होली कब मनाई जाती है?

Ans: होली हर साल फाल्गुल (मार्च) माह के पूर्णिमा को मनाई जाती है।

Q: होली कैसे मनाया जाता है?

Ans: होली हम कैसे मनाते हैं? पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। और दूसरे दिन, लोग एक दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि लगाते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और सभी घरों में तरह तरह के पकवान जिनमें से मुख्य रूप से गुझिया, पापड़, गुलाब जामुन आदि बनाये जाते है।

Q: होली कब है 2023

Ans: 2023 में होली बुधवार, 8 मार्च को है।

Rohit Soni

Rohit Soni

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya पर हम उपयोगी, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके।View Author posts

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