पृथ्वी के नीचे क्या है? हमारी धरती किस पर टिकी है? अगर पृथ्वी के आर-पार एक होल किया जाए तो नीचे क्या दिखाई देगा। यह सवाल सभी के मन में ज़रूर घूमता रहता है। इन्ही सभी सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिलने वाला है-
इन सभी सवालों के जवाब को जानने से पहले पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। जैसा कि देखने पर हमे लगता है कि हमारी पृथ्वी समान्तर चपटी है लेकिन आंतरिक्ष से देखने पर गोल दिखाई देती है। और है भी लेकिन पूर्णतः गोल भी नही है यह अपने ध्रुवो पर थोड़ा चपटी है।
पृथ्वी किस पर टिकी है? Prithbi ke neeche kya hai
इसके बारे में कई किवदंतिया प्रचलित है, जिसमें सबसे ज्यादा जो प्रचलित है वह यह है कि पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है कुछ लोगों का मानना है कि पृथ्वी विशाल समुद्र में तैर रही है। लेकिन यह सब कुछ भ्रामक बाते है।
वास्तव में ऐसा कुछ भी नही है जैसे-जैसे हम अंधकार से निकल कर ज्ञान की ओर आते हैं तो पता चलता है कि पृथ्वी किसी शेषनाग के ऊपर नही बल्कि हवा में तैर रही है। परन्तु यह कहना भी गलत होगा क्योंकि आंतरिक्ष में हवा ही मौजूद नही है। तो हम कह सकते है कि पृथ्वी ब्रह्मांड में तैर रही है। और अपने गुरुत्वाकर्षण बल से बधी हुई है। आप इसका प्रत्यक्ष प्रमाण चंद्रमा को देखकर लगा सकते है। जिस प्रकार चंद्रमा आंतरिक्ष में तैरता हुआ दिखाई देता है सेम उसी प्रकार पृथ्वी भी आंतरिक्ष में तैर रही है।
आंतरिक्ष से देखने पर यह साफ दिखाई देता है पृथ्वी और बाकी सभी ग्रह आंतरिक्ष में तैर रहे है और सूर्य की अनंत परिक्रमा कर रहे हैं।
अगर पृथ्वी के आर-पार होल किया जाए तो क्या होगा?
ऐसा करना तो वास्तव में संभव ही नही है क्यों कि अब तक पृथ्वी पर सबसे लंबा गड्ढा 12262 मीटर (12.262 कि.मी) ही खोदा जा सका है। इसके बाद तापमान 300 डिग्री सेल्सियस से उपर होने लगा। और खुदाई के उपकरण पिघलने लगे। लेकिन चलिए कल्पना करें पृथ्वी के आर-पार गड्ढा खोदने की। ऐसा करने के लिए हमें पृथ्वी के निम्न भागों गुजरना होगा-
- भू पर्पटी (Crust)
- मेंटल (Mantle)
- क्रोड (Core)
सबसे पहले पृथ्वी के उपरी परत भूपर्पटी (Crust) को खोदना होगा जिसकी औसत लंबाई 24 कि.मी. तक है लेकिन इसकी लंबाई 5 से 70 कि.मी. तक बदलती रहती है। पृथ्वी का यह भाग ठोस रूप मे है।
इसके बाद पृथ्वी की दूसरी परत जिसे मध्यवर्ती या मेंटल (Mantle) कहा जाता है, पर पहुँच जाएगे। जिसकी लम्बाई 2890 किमी. नीचे गहराई तक फैली हुई है। पृथ्वी का यह मेंटल भाग बेहद गाढ़ा गर्म लावा है यहाँ संवहनीय धाराए चलती है। इसे पार करने के बाद हम क्रोड पर पहुँच जाएगे।
अब हम पृथ्वी के तीसरी परत में पहुँच जाएगे जिसको क्रोड (Core) कहते है। क्रोड की गहराई 2900 से 6371 किमी. तक है। यह भाग ठोस है क्योंकि यहाँ दाब इतना ज्यादा है की लोहे को पिघलने नही देती। क्रोड मुख्यतः लोहे और निकिल का बना हुआ है।
और जब यहाँ तक पहुँच गए है तो हमें अब उस पार जाने के लिए फिर से क्रमशः वही सभी परतो को पार करना होगा। इसके बाद हम किसी समुद्र या जमीन किसी भी जगह निकल सकते है। और इस प्रकार से हम देख पाएगे कि जो हमारे उपर दिखाई देता है यानी की आसमान (आंतरिक्ष) वही नीचे भी दिखाई देगा।
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Choli ke piche kya hai
Dharti ke niche kya hai 😀😀😀
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