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आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है | आम में बौर कब आते हैं?

फलो का राजा कहा जाने वाला आम गर्मी का सीजन शुरू होते ही बाजार में देखने को मिलने लगता है। ताजे पके हुए रसीले आम देख कर किसी के भी मुँह में पानी आ जाता है। आपने कोई आम खाया और सोच रहें हैं कि उसका बीज बोया जाए तो ऐसे में यह ज़रूर जानना चाहेंगे की आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है? आम में बौर कब आते हैं?

आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है?

सामान्यतः आम के पेड़ 4 से 5 सालों में फल देने लगता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आम का पेड़ किस किस्म या प्रजाति का है। यदि आप आम का कलम लगाते हैं तो एक वर्ष में ही फल देने लगते हैं। आम का वृक्ष दीर्घ जीवी, सघन तथा बहुत ही विशाल होता है। आम के पेड़ को उपयुक्त्त व अनुकूल वातावरण मिलने पर 50-60 फिट की ऊंचाई तक बढ़ता है। कुछ आम सीजनल होते हैं, जो कि सिर्फ गर्मी के सीजन में ही फल देते हैं। जबकि कुछ बारहमासी भी होते हैं।

बारहमासी आम के पेड़ से साल भर आम मिलते हैं। एक पेड़ से एक बार में 30 से 40 किलो आम मिलते हैं। बारहमासी आम का पेड़ एक वर्ष में दो बार मार्च-अप्रैल व सितंबर-अक्टूबर में फल देता है। इन्हे घर के बगीचे में भी लगाया जा सकता है। और बड़े पैमाने पर भी उगाया जाता है।

आम में बौर कब आते हैं?

आम के पेड़ में बौर बसंत ऋतु यानी जनवरी-फरवरी में आता है। और मई-जून में आम पकने लगता है। लेकिन आम के बौर में जब बारिश का पानी पड़ जाता है तो बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता है। बौर में पानी पड़ने से बौर काला पड़ जाता है और सड़ जाता है जिससे आम की टिकोरी कम लगती है।

आम खाने के फायदे

  • कैंसर से बचाव – आम के फल में क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन और फिसेटिन जैसे कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि कैंसर जैसी बीमारी से बचाने में मददगार साबित होते।
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण – आम में फाइबर और विटामिन काफी मात्रा में पाया जाता है। जिससे हमारे बॉडी का कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
  • आंखे रहती हैं चमकदार – आम में विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारी आंखो के लिए एक प्लस प्वांइट है। इससे आंखो की रोशनी बनी रहती है।
  • त्वचा के लिए है फायदेमंद – आम को त्वचा पर लगाने से त्वचा निखरती है। अतः आम त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होता है।
  • पाचन क्रिया में है फायदेमंद – आम के रोजाना सेवन करने पर हमारी पाचन क्रिया अच्छी होती है। क्योंकि आम में ऐसे कई एंजाइम्स होते हैं जो प्रोटीन को तोड़ने काम करते हैं। जिससे भोजन जल्दी पच जाता है।
  • गर्मी से बचाव – गर्मियों में यदि दोपहर के समय कही बाहर जाना हो तो एक गिलास आम का पना पीकर निकलने से आपको लू नही लगेगी। क्योंकि आम का पना शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है – आम खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। और कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।

आम खाने के नुकसान

  • शुगर के मरीज़ो के लिए आम नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि आम मीठी होता है जिससे हमारे ब्लड का शुगर लेवल बढ़ जाता है। और ज्यादा मात्रा में आम का सेवन करने से शुगर लेवल भी हाई होता है।
  • बहुत ज्यादा आम खाने पर दस्त भी हो सकता है। और कुछ लोगो को आम से एलर्जी हो सकती है। इसलिए ज्यादा आम का सेवन न करें।

आम के प्रयोग

  • कच्चे आम की खट्टी चटनी बनाई जाती है।
  • गुड़ के साथ कच्चे आम का खट्टीमीठी चटनी बनाई जाती है।
  • कच्चे आम का अचार बहुत ही अच्छा होता है।
  • कच्चे आम को आग में भूज कर पना (एक प्रकार का पेय) बनाया जाता है। जिसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है।
  • कच्चे आम को काटने के बाद सूखा कर खटाई और आमचूर्ण बनाया जाता है।
  • लोग कच्चे आम को दाल में भी डाल कर पकाते हैं। जिससे दाल खट्टापन आ जाता है।
  • कच्चे आम का उपयोग मैंगो फ्लेवर टौफिया बनाने में भी किया जाता है।
  • पके आम को आप खाली ही खा सकते हैं या फिर पके आम का पना बनाकर रोटी के साथ खाया जाता है।
  • पके आम से शेक, फ्रूटी, और भी फ्रूट जूस बनाए जाते हैं।
  • कच्चे आम से बने आमचूर को सब्जिओं में डाला जाता है।

आम के प्रकार – आम की किस्में

दशहरी आम / Desheri Mangoes

आम का पेड़ कितने सालों में फल देता है | दशहरी आम
दशहरी आम / Desheri Mangoes

लंगड़ा आम / Langda mangoes.

लंगड़ा आम / Langda mangoes.
लंगड़ा आम / Langda mangoes.

चौंसा आम / Chaunsa Mangoes.

चौंसा आम / Chaunsa Mangoes.
चौंसा आम / Chaunsa Mangoes.

बादामी आम / Badami mangoes.

बादामी आम / Badami mangoes.
बादामी आम / Badami mangoes.

तोतापरी आम / Totapuri Mangoes.

तोतापरी आम / Totapuri Mangoes.
तोतापरी आम / Totapuri Mangoes.

केसर आम / Kesar Mangoes.

केसर आम / Kesar Mangoes.
केसर आम / Kesar Mangoes.

बैगनपल्ली या सफेदा / Benganapalli or Safeda.

बैगनपल्ली या सफेदा / Benganapalli or Safeda.
बैगनपल्ली या सफेदा / Benganapalli or Safeda.

नीलम / Neelam Mangoes.

नीलम / Neelam Mangoes.
नीलम / Neelam Mangoes.

मालदा आम / Manda Mangoes.

मालदा आम / Manda Mangoes.
मालदा आम / Manda Mangoes.

हापुस आम / Hapus Mangoes.

हापुस आम / Hapus Mangoes.
हापुस आम / Hapus Mangoes.

सिंदुरा / Sindura Mangoes.

सिंदुरा / Sindura Mangoes.
सिंदुरा / Sindura Mangoes.

इनके अलावा भी बहुत सारी किस्में है जैसे –

बंबइया,  सुवर्रेखा, जर्दालू, फाजली, सफदर पसंद, रत्नागिरी, गुलाब बास, आम्रपाली, सुन्दरी, सुंदराजा आदि।

इन्हें भी पढ़ें

FAQ About Mango

आम का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है?

आम का पेड़ लगाने के बाद फल लगने में कम से कम 4 से 5 साल लग जाते हैं । और वहीं अगर आप कलम लगाते हैं तो 3 से 4 साल में फल देने लगता है।

सबसे अच्छा आम कौन सा होता है?

हाफूस आम की एक किस्म है जिसे मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है।

आम का राजा कौन सा है?

अलफांसो (हापुस) आम, आमों का राजा कहा जाता है। इसे मुख्य रूप से महाराष्ट्र में उगाया जाता है।

Rohit Soni

Rohit Soni

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