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शिक्षक दिवस पर निबंध और शायरी (Teachers Day Essay in Hindi and Shayari 2024)

शिक्षक दिवस पर निबंध और शायरी (Teachers Day Essay in Hindi and Shayari) 10 Lines on Teachers Day in Hindi

शिक्षा और शिक्षक का हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा योगदान होता है। शिक्षक ही हमारे अंदर के अज्ञानता को दूर करके हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं। हमारी सफलता के पीछे शिक्षक का बहुत बड़ा समर्पण छिपा हुआ होता है। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षक रोजाना स्कूल आते हैं चाहे कोई भी विषम परिस्थित ही क्यों न हो। ऐसे ज्ञान देने वाले महान गुरूओं का बंदन है, उनके चरणो की धूल भी चंदन है।

शिक्षक दिवस पर निबंध और शायरी (Teachers Day Essay in Hindi and Shayari 2024)
शिक्षक दिवस पर निबंध और शायरी (Teachers Day Essay in Hindi and Shayari 2024)

भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। जबकि विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षको को सम्मान देने के लिए शिष्यों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत में 5 सितंबर को Teachers Day के रूप में मनाया जाता है, जो कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन की यादगार है। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर नियुक्त होने से पहले 40 बर्षों तक शिक्षक के पद थे।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

प्रस्तावना

गुरु और शिष्य का रिस्ता भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं, और उसके बाद हमारे शिक्षक होते हैं। जिनसे हम शिक्षा ग्रहण करते हैं। गुरुजनों का दर्जा हमेंशा सबसे उपर होता है। और उन्हीं के सम्मान के लिए हर बर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

हमारे जीवन, समाज और देश को आगे बढ़ाने में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान होता है लेकिन इस पर कोई भी ध्यान नही देता है। इसलिए शिक्षकों को सम्मान देने के लिये हर वर्ष 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जिसमें सभी बच्चें अपने शिक्षकों के सम्मान में फूल माला से स्वागत करते हैं, और उपहार देते हैं तथा उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते है।

शिक्षक दिवस की शुरुआत कब से हुई?

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत सन् 1962 से हुई। जब भारत के एक महान व्यक्ति, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का निवेदन किया। तब उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को मेरा जन्म दिन मनाने के बजाय इस दिन को अध्यापन के प्रति मेरे समर्पण के लिये शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। क्योंकि वो शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को समर्पित किया है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये काफी प्रसिद्ध हुए। और वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुत्तनी ग्राम जो कि तमिलनाडु में है हुआ था। और बर्ष 1909 से चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश किया और दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में भी दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। 17 अप्रैल 1975 को इनका निधन हो गया।

शिक्षक दिवस का महत्व

सभी के जीवन में गुरुओं का विशेष महत्व होता है। शिक्षक ही ऐसे व्यक्ति होते हैं जो शिष्य को तरासकर हीरा बना देते हैं।

“ गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे अच्छा इंसान बना दिया ”

🕳 शिक्षक एक मार्गदर्शक

हमारे गुरू हमें शिक्षा तो प्रदान ही करते हैं परन्तु हमारे जीवन में एक अच्छे मार्गदर्शक भी होते हैं जो हमें सही गलत की पहचान कराते है। जब भी हम किसी मुसीबत में उलझ जाते हैं तो उस समय गुरु ही हमें उस उलझन से बाहर निकलने का रास्ता दिखाते हैं। हम सब जीवन भर गुरुओं के आभारी होते है। इसलिए हमेशा अपने गुरुओं का आदर करना चाहिए।

🕳 शिक्षक भविष्य निर्माता

कहा जाता हैं कि विद्यार्थी देश के भविष्य होते हैं। और शिक्षक विद्यार्थी के भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। उनकी कठिन मेहनत से हम भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए सक्षम हो पाते हैं। अतः शिक्षक ही किसी भी देश के भविष्य के निर्माता होते हैं।

🕳 शिक्षक एक निस्वार्थ जॉव

शिक्षा देना एक अपने आप में एक प्रशंसनीय कार्य है। गुरु अपने शिष्यों को बिना भेद-भाव के सबको बराबर ज्ञान बांटते हैं। कोई भी शिक्षक हमेशा निस्वार्थ भाव से अपने छात्रों को शिक्षित करते हैं। अतः अपने गुरू की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। फिर चाहे हमारे प्रथम गुरु माता-पिता हो या फिर स्कूल के गुरु हो।

🕳 ज्ञान के स्रोत शिक्षक

हम जितना किताबो से सीखते हैं उससे कहीं ज्यादा ज्ञान शिक्षक के द्वारा प्राप्त करते है। हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन जीवन के हर क्षण में हम अपने गुरुजनों से कुछ न कुछ सीख सकते हैं। क्योंकि कि शिक्षक ज्ञान के भंडार होते हैं।

🕳 शिक्षक एक रोल मॉडल

जिस प्रकार से किसी गाने को सुपरहिट बनाने में बैकग्राउंड में बजने वाले म्युजिक का रोल होता है। ठीक उसी प्रकार से किसी भी व्यक्ति की सफलता में भी शिक्षक एक रोल मॉडल का रोल निभाते हैं। जिनकी मेहनत तो लोगों को दिखती नही हैं पर उनके न होने पर सफलता प्राप्त नही की जा सकती है।

अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरुवर के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम, तो गुरुवर ने राह दिखाई है।

उपसंहार

जिसने हमें चलना सिखाया, गिर कर सम्भलना सिखाया उन गुरुजनों का हमें हमेंशा आदर और सम्मान करना चाहिए। गुरु का दर्जा हमेंशा सबसे उपर होता है। शिक्षको की कड़ी मेहनत से ही हम आगे बढ़ते हैं और सदा विजय पताका लहराते हैं। हमारे सभी शिक्षक जनों को शत-शत नमन।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाँय।
बलिहारी गुरू आपने, गोविंद दियो बताय।।

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन – 10 Lines on Teachers Day in Hindi

  1. भारत में शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
  2. शिक्षक दिवस भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृश्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
  3. शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान के लिए मनाया जाता है।
  4. विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  5. स्कूलों में बच्चे शिक्षकों के सम्मान में फूल माला से स्वागत कर आशीर्वाद लेते हैं।
  6. बच्चे अपने प्रिय शिक्षकों को शिक्षक दिवस में उपहार भी देते हैं।
  7. सरकार द्वारा हर साल 5 सितंबर को कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
  8. शिक्षक दिवस पर निबंध, नृत्य आदि प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
  9. गुरु भी अपने प्रिय शिष्य को उपहार भेंट करते है।
  10. हमें अपने शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए।

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FAQ शिक्षक दिवस

Q. पहला शिक्षक दिवस कब मनाया गया था?

Ans. पहला शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर 1962 में मनाया गया था।

Q. शिक्षक दिवस पर मेधावी शिक्षकों को कौन सा पुरस्कार दिया जाता है?

Ans. नेशनल अवॉर्ड फॉर टीचर्स (National Teachers Award) मेधावी शिक्षकों को दिया जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार है।

Q. विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

Q. शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

Ans. महान शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s day) मनाते हैं

5 सितंबर 2024 को क्या है?

आज शिक्षक दिवश है।

शिक्षक दिवस की स्टोरी देखें

शिक्षक दिवस पर शायरी (Teachers Day Shayari in Hindi 2024)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

ज्ञान देने वाले गुरू का बंदन है,
उनके चरणो की धूल भी चंदन है।

अक्षर-अक्षर हमें सिखाते,
शब्द-शब्द का अर्थ बताते,
कभी प्यार से कभी डांट से,
जीवन जीना हमें सिखाते।

जल जाता है वो दिए की तरह,
कई जीवन रोशन कर जाता है
कुछ इसी तरह से हर गुरु,
अपना फर्ज निभाता है।

शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है,
गुरू का आशीर्वाद मिले इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है।

शिष्य पत्थर जैसा होता है,
गुरु गढ़ कर देता है आकार,
ज्ञान से मिटा देते सारे विकार,
गुरू का हम पर है कितना उपकार।

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जीने की जो शिक्षा देता, कर देता कल्याण।
शिक्षक तो होते ऐसे, जैसे हों भगवान।।

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

गुरु का पढ़ाना, घंटों तक समझाना,
गलती होने पर डांट फटकार लगाना,
यह शिष्य की भलाई के लिए है होता
क्योंकि शिष्य को सफल है बनाना।
गुरु के श्री चरणों में नमन है सारा जमाना।।

जो बनाए हमें इंसान,
और दे सही गलत की पहचान,
देश के उन निर्माताओं को,
हम करते हैं शत-शत प्रणाम।
-: Happy Teachers Day :-

अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरूवर के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम तो गुरूवर ने राह दिखाई है।

भगवान ने दी जिंदगी,
माँ-बाप ने दिया प्यार,
गुरु ने दी शिक्षा,
करने लगे हम व्यापार,
शिक्षा देने के लिए हम है गुरु हमेशा शुक्रगुजार।

दिया ज्ञान का भंडार हमें,
किया भविष्य के लिए तैयार हमें,
है आभारी उन गुरूओं के हम,
जो किया शिक्षित अपार हमें।

देते है शिक्षा शिक्षक हमारे,
नमन चरणों में गुरू तुम्हारे,
बिना शिक्षा सूना जीवन है,
शिक्षित जीवन सदा नवजीवन हैं।

माता पिता की मूरत हैं गुरु,
इस कलयुग में भगवान के सूरत हैं गुरु।

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हीरे को दें तराश तो कीमत बढ़ जाती है,
जो विद्या धन हो पास तो जिंदगी सवंर जाती है,
यदि फल – फूल रखों प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है,
अगर शिष्य झुके गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

गुरु बिना ज्ञान कहां, उनके ज्ञान का आदि न अंत यहाँ।
गुरु ने दी शिक्षा जहां, उठी शिष्टाचार की मूरत वहाँ।
-: शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ :-

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Rohit Soni

Rohit Soni

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