आप सब ने कभी न कभी बिजली का झटका जरूर महसूस किया होगा या फिर सुना ही होगा। दोस्तों बिजली का झटका (करंट) बहुत ही दर्दनाक और असहनीय होता है। करंट लगने से शरीर बुरी तरह से झुलस जाता है जिससे इंसान की मौत भी हो जाती है। पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर करंट लगने से मौत क्यों होती है, ऐसा क्यों होता है? और Current lagne se maut kyo hota hai?
जहाँ बिजली के बिना आज कोई भी कार्य संभव नही है चाहे फिर वह कोई घर का पर्सनल कार्य हो या फिर बड़े से बड़े औद्योगिक क्षेत्र के कारखाने हो सभी जगह बिजली का उपयोग होता है। बिजली एक वरदान है। लेकिन इसका उपयोग करते समय बहुत ही सावधानी वरतनी पड़ती है, क्योंकि हमारी थोड़ी सी लापरवाही से बहुत ही भयानक हादसा हो सकता है। यानी हम कह सकते है कि बिजली अत्यंत उपयोगी होने के साथ साथ अत्यंत खतरनाक भी है। इसकी वजह से हर दिन कई लोग अपनी जान गँवा देते हैं। या फिर घायल हो जाते हैं। तो आइए जानते है कि आखिर कैसे करंट लगने से इंसान की मौत होती है?
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करंट लगने से मौत क्यों होती है? Current lagne se maut kyo hota hai?
आप सब को पता ही होगा की इलेक्ट्रिसिटी यानी बिजली में दो टर्मनल पोजीटिव और निगेटिव होते हैं। जहाँ पोजीटिव को धनात्मक और निगेटिव को ऋणात्मक टर्निमल कहते हैं। बिजली की धारा ( इलेक्ट्रॉन) हमेंशा धनात्मक से ऋणात्मक की और बहती है। और जब धारा मनुष्य के शरीर से होकर गुजरती है तो बिजली का झटका लगता है यह इतना पॉवरफुल होता है कि कुछ ही सेकणंड में इंसान की मौत तक हो जाती हैं।
मनुष्य के शरीर में 65-70 प्रतिशत तक पानी होता है। और जब शरीर में बिजली का करंट प्रवाहित होता है तो यह शरीर का पानी को सुखा देता है जिससे खून गाढ़ा हो जाता है और इस बजह शरीर को सभी अंगों तक खून का प्रवाह रुक जाता है, जिस कारण से सभी अंग कार्य करना बंद कर देते हैं और कुछ ही देर में इंसान की मौत हो जाती है।
बिजली का झटका (करंट) कब लगता है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बिजली में दो टर्मिनल होते हैं एक Positive और एक Negative, हमेशा वद्युत धारा पोजीजिव (धनात्मक) से निगेटिव (ऋणात्मक) टर्मिनल की तरफ प्रवाहित होती है। लेकिन सिर्फ पोजीटिव टर्मिनल को ही छूने से बिजली झटका लगता है पर ऐसा क्यों होता है? बिजली का करंट तभी लगता है जब इसका सर्किट हमारे शरीर द्वारा कम्पलीट होता है क्योंकि जमीन में निगेटिव टर्मिनल होता है और जब हम गलती से बजली के धनात्मक छोर को टच करते है और हमारा संपर्क जमीन और बिजली के फेश से होता है तो इसका सर्किट कम्प्लीट हो जाता है जिसके बजह से बिजली की धारा हमारे शरीर से होकर जमीन तक जाती है और हमें करंट लग जाता है।
अगर हमारा सम्पर्क जमीन से न हो और हम पोजीटिव टर्मिनल को टच करें तो हमे तब करंट नही लगेगा क्योकि इसका सर्किट कम्प्लीट नही होगा। यही कारण है कि बिजली के खंभे पर तारो पर बैठे पक्षियों को करंट लही लगता है।
करंट लगने में कैसा महसूस होता है?
इसका जवाब वही दे सकता है जिस व्यक्ति को कभी करंट का झटका लगा हो। हमें दो बार करंट लग चुका है और हमें अच्छे से करंट का झटका महसूस हुआ है। मेरे घर में एक बार लाईट नही जल रही थी तो मैं बिजली के खंभे पर चढ़ गया और जैसे ही बिजली का तार पकड़ा तो जोरदार झटका लगा क्योंकि तार थोड़ा सा कटा हुआ था और मैने ध्यान नही दिया। अच्छी बात ये थी की तुरंत ही मेरा हाथ तार से छूट गया और मैं नीचे गिर गया। मैं आपको बता सकता हूँ थोड़ा सा करंट लगने पर सुई के चुभने जैसा महसूस होता है। और थोड़ी देर के लिए उस अंग का नियंत्रण भी नही रहता है। दरअसल ऐसी फीलिंग स्पार्क की वजह से होती है। जब हमारे शरीर से करंट टच होता है तो शरीर और तार के बीच स्पार्क होता है जिससे हमे ऐसा लगता है हमें कई सारी सुइयां चुभाई जा रही है।
वैसे आपने कभी करंट का झटका महसूस किया हो तो कमेंट में जरूर बताएं।
बिजली के उपकरण का प्रयोग करते समय क्या सावधानियाँ वरतनी चाहिए-
- बिजली के स्विच को ऑन ऑफ करते समय पैरों में स्लीपर जरूर पहने।
- गीले हाथों से स्विच को न छुए और ना ही किसी बिजली के उपकरण को ही छए।
- बिजली के तार को खुला न छोड़े इसे अच्छी तरह से टेपिंग करें।
- घर के कनेक्सन को जमीन के साथ ग्राउंड जरूर करें।
- खराब यंत्रो का इस्तेमाल न करें।
- अच्छी क्वालिटी के तारों (Wire) का ही प्रयोग करें ताकि सार्ट-सर्किट होने के चांस बहुत कम हो।
शरीर का कौन सा अंग बिजली पैदा करता है?
हमारे शरीर का दिमाग एक ऐसा अंग है, जो बिजली पैदा कर सकता है दिमाग 12 से लेकर 25 वाट तक बिजली पैदा करता है। जिसका उपयोग सभी अंगों तक सिगनल भेजने के लिए होता है। इसी सिगनल से हमारे सभी अंग कार्य करते है।
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