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भगत सिंह जीवन परिचय, पुण्यतिथि, शहीद दिवस (Bhagat Singh Biography in Hindi)

Bhagat Singh Biography in Hindi, भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे, जिनके वीरता, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति की कहानियां आज भी हमारे दिलों में बसी हुई हैं। उनके योगदान को समझते हुए, इस निबंध में हम भगत सिंह के जीवन, संघर्ष, और उनके देश के प्रति समर्पण के बारे में जानेगें।

नोट: भगत सिंह के जन्म-दिवस पर मतभेद है। पुरानी पुस्तकों व पत्र-पत्रिकाओं में भगत सिंह का जन्म दिवस आश्विन शुक्ल तेरस, संवत 1964 को शनिवार के दिन प्रातः 6 बजे बताया गया है। इस तिथि को कुछ विद्वानों ने 27 सितंबर 1907 तो कुछ ने 28 सितंबर बताया है।

नामशहीद भगत सिंह
जन्म28 सितम्बर 1907
जन्म स्थलगाँव बंगा, जिला लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान में है)
मृत्यु23 मार्च 1931
मृत्यु स्थललाहौर जेल, पंजाब (अब पाकिस्तान में)
आन्दोलनभारतीय स्वतंत्रता संग्राम
पितासरदार किशन सिंह सिन्धु
माताश्रीमती विद्यावती जी
भाई-बहनरणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
चाचाश्री अजित सिंह जी
प्रमुख संगठननौजवान भारत सभा, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन
भगत सिंह जीवन परिचय

👉 यह भी देखें: महात्मा गाँधी पर निबंध 1000 शब्दों में

भगत सिंह जीवन परिचय, पुण्यतिथि, शहीद दिवस (Bhagat Singh Biography in Hindi)

भगत सिंह जीवन परिचय, पुण्यतिथि, शहीद दिवस (Bhagat Singh Biography in Hindi)
भगत सिंह जीवन परिचय, पुण्यतिथि, शहीद दिवस (Bhagat Singh Biography in Hindi)

सन्दर्भ (Introduction)

भारतीय इतिहास में स्वतंत्रता आंदोलन के शूरवीरों में से एक नाम है भगत सिंह का। उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 में पंजाब के जिला लायलपुर (अब पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद) में हुआ था। भगत सिंह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी के रूप में याद किया जाता है। उनके साहसी कार्यों और बलिदान के बारे में लोगों को जानकर उन्हें राष्ट्रीय गौरव के साथ सम्मानित किया गया है।

बचपन और प्रेरणा (Childhood and Inspiration)

भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता, किसन सिंह, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे और इसी कारण भगत सिंह को भी राजनीतिक विचारों और राष्ट्रीय उद्दीपना का संचार हुआ। उनके माता-पिता ने समाजसेवा, स्वदेशी आन्दोलन और स्वतंत्रता के विचारों को सशक्त ढंग से भगत सिंह को सिखाया।

भगत सिंह की स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी (Participation in Freedom Struggle)

भगत सिंह की राष्ट्रीय उद्दीपना को देखते हुए उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का निर्णय किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के इंद्रधनुष भगवान गाँधी के सत्याग्रह और अहिंसा के विचारों के प्रतिकार के रूप में भी देखे थे। भगत सिंह को यह जागरूकता हुई कि उन्हें आजादी के लिए सशक्त और संघर्षशील रास्ता अपनाना होगा। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया और इसके सदस्य बनकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।

सैन्य और साज़िश (Military and Conspiracies)

भगत सिंह और उनके साथी संगठनकर्ताओं को ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया और साजिश रचने के लिए तबादला किया गया। भगत सिंह ने अदालत में अपने भारतीय स्वतंत्रता के लिए जान देने का ऐलान किया और विदेशी शासन के खिलाफ संघर्ष करने की उनकी निर्धारित राजनीतिक सोच को प्रदर्शित किया।

मृत्यु और शहादत (Death and Martyrdom)

23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी की सजा सुनाई गई। उनके शहीद होने से राष्ट्र भर में आंसू बहे और उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शूरवीर के रूप में याद किया जाता है। उनके बलिदान के पश्चात भारतीय स्वतंत्रता अब और तेजी से आगे बढ़ी और उन्हें भारत माता के वीर पुत्र के रूप में स्मरण किया जाता है।

उनकी विचारधारा (Ideology)

भगत सिंह को साहसी और निर्भीक व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है जो अपने स्वतंत्रता के लिए अपनी जान को न्यौछावर कर दिया। उनकी सोच और विचारधारा ने अनेकों युवाओं को प्रेरित किया और राष्ट्रीय आंदोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

समापन (Conclusion)

भगत सिंह, एक सच्चे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिनका समर्थन और बलिदान राष्ट्र को स्वतंत्रता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमर रहेगा।

शहीद भगत सिंह कविता (Bhagat Singh Kavita or Poem)

“इतिहास में गूँजता एक नाम हैं भगत सिंह
शेर की दहाड़ सा जोश था जिसमे वे थे भगत सिंह  
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे भगत सिंह
आज भी जो रोंगटे खड़े करदे ऐसे विचारो के धनी थे भगत सिंह ..”

भगत सिंह अनमोल वचन (Bhagat Singh Quote)

Bhagat Singh Quote 1:
Lovers, Lunatics and poets are made of same stuff.

प्रेमी, पागल एवं कवि एक ही थाली के चट्टे बट्टे होते हैं अर्थात सामान होते हैं।

Bhagat Singh Quote 2:
Every tiny molecule of Ash is in motion with my heat I am such a Lunatic that I am free even in Jail.

मेरी गर्मी के कारण राख का एक-एक कण चलायमान हैं मैं ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हैं।

Bhagat Singh Quote 3:
If the deaf are to hear, the sound must be very loud. When we dropped the bomb, it was not our intention to kill anybody. We have bombed the British Government. The British must quit India and make her free.

यदि बेहरों को सुनाना हैं तो आवाज तेज करनी होगी। जब हमने बम फेका था तब हमारा इरादा किसी को जान से मारने का नहीं था। हमने ब्रिटिश सरकार पर बम फेका था। ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ना होगा और उसे स्वतंत्र करना होगा।

Bhagat Singh Quote 4:
One should not interpret the word “Revolution” in its literal sense. Various meanings and significance are attributed to this word, according to the interests of those who use or misuse it.

किसी को “क्रांति” को परिभाषित नहीं करना चाहिए। इस शब्द के कई अर्थ एवं मतलब हैं जो कि इसका उपयोग अथवा दुरुपयोग करने वाले तय करते हैं।

Bhagat Singh Quote 5:
Revolution did not necessarily involve sanguinary strife. It was not a cult of bomb and pistol.

क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह आवश्यक नहीं। यह बम और पिस्तौल का राह नहीं हैं।

Bhagat Singh Quote 6:
The people generally get accustomed to the established order of things and begin to tremble at the very idea of a change. It is this lethargical spirit that needs be replaced by the revolutionary spirit.

सामान्यतः लोग परिस्थिति के आदी हो जाते हैं और उनमें बदलाव करने की सोच मात्र से डर जाते हैं। अतः हमें इस भावना को क्रांति की भावना से बदलने की आवश्यकता हैं। 

Bhagat Singh Quote 7:
Any man who stands for progress must criticize, disbelieve and challenge every item of the old faith.

जो व्यक्ति उन्नति के लिए  राह में खड़ा होता हैं उसे परम्परागत चलन  की आलोचना एवं विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।

Bhagat Singh Quote 8:
I emphasize that I am full of ambition and hope and of full charm of life. But I can renounce all at the time of need, and that is the real sacrifice.

मैं यह मानता हूँ कि मैं महत्वाकांक्षी, आशावादी एवं जीवन के प्रति उत्साही हूँ लेकिन आवश्यकता अनुसार मैं इस सबका परित्याग कर सकता हूँ सही सच्चा त्याग होगा।

Bhagat Singh Quote 9:
Non-violence is backed by the theory of soul-force in which suffering is courted in the hope of ultimately winning over the opponent. But what happens when such an attempt fails to achieve the object? It is here that soul-force must be combined with physical force so as not to remain at the mercy of tyrannical and ruthless enemy.

अहिंसा को आत्म विश्वास का बल प्राप्त हैं जिसमें जीत की आशा से कष्ट वहन किया जाता हैं लेकिन अगर यह प्रयत्न विफल हो जाये तब क्या होगा ? तब हमें इस आत्म शक्ति को शारीरिक शक्ति से जोड़ना होता हैं ताकि हम अत्याचारी दुश्मन की दया पर न रहे।

Bhagat Singh Quote 10:
The elimination of force at all costs is Utopian and the new movement which has arisen in the country and of whose dawn we have given a warning is inspired by the ideals which Guru Gobind Singh and Shivaji, Kamal Pasha and Reza Khan, Washington and Garibaldi, Lafayette and Lenin preached.

किसी भी कीमत पर शक्ति का प्रयोग ना करना काल्पनिक आदर्श है और देश में जो नवीन आन्दोलन शुरू हुआ हैं जिसके शुरुवात की  हम चेतावनी दे चुके हैं वो गुरु गोबिंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान , वाशिंगटन और गैरीबाल्डी , लाफायेतटे और लेनिन के आदर्शों का अनुसरण  है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. भगत सिंह की मृत्यु कब हुई थी?

भगत सिंह की मृत्यु 23 मार्च, 1931 को हुई थी।

2. भगत सिंह की प्रेरणा क्या थी?

भगत सिंह को उनके पिता किसन सिंह और राष्ट्रीय उद्दीपना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था।

3. भगत सिंह के साथ संगठन जुड़ने के बाद उनके कार्य क्या थे?

भगत सिंह स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहे और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।

4. भगत सिंह का जन्म स्थान कहां था?

भगत सिंह का जन्म स्थान पंजाब के जिला लायलपुर (अब पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद) में हुआ था।

5. भगत सिंह की सोच किस तरह की थी?

भगत सिंह की सोच उन्हें स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती थी और उन्होंने अपनी जान को न्यौछावर कर दिया था।

इस लेख को पढ़कर भगत सिंह के वीरता और समर्पण को समझने में आसानी होगी। उनके बलिदान का सम्मान करते हुए, हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। भगत सिंह ने अपने देश के लिए अनमोल योगदान दिया, और हमें उनकी बातों से सीखना चाहिए कि एक संघर्षशील मन और दृढ़ संकल्प से हम भारत को और भी महान बना सकते हैं।

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Rohit Soni

Rohit Soni

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya पर हम उपयोगी, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके।View Author posts

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