Interesting Facts About Moon in Hindi: चांद के बारे में अकल्पनीय रोचक तथ्यों के बारे में जानने के लिए यह लिंक क्लिक करें।
चांद एक उपग्रह है जो हमारे सौरमंडल में स्थित है। यह हमारी पृथ्वी का सबसे नजदीकी पड़ाव है और रात को सबसे अधिक दिखाई देने वाला आकार वाला दृश्य वस्तु है। चांद धरती से लगभग 384,400 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह चंद्रमा के नाम से भी जाना जाता है।
चांद एक विशाल और शक्तिशाली ग्रह नहीं है। यह धरती के चारों ओर घूमता है और इसके चारों ओर कई छोटे और बड़े उदर होते हैं, जिन्हें क्रेटर कहा जाता है। चांद की सतह सौम्य नहीं है और उस पर धरती की तरह जल नहीं पाई जाती है। इसमें घना वायुमंडल नहीं होने के कारण इस पर पानी नहीं रहता है और यह बर्फीले ठंडे इलाके होते हैं।
चांद का चक्कर धरती के चक्कर के समान वक्री होता है और इसके एक चक्रवाती चक्कर को पूरा करने में लगभग 27.3 दिन लगते हैं। इसलिए, चांद को हम हर महीने देख सकते हैं जिसे चंद्रमास कहा जाता है। चांद का नृत्य हमारे जीवन को सुंदरता से सजाता है और रात को चांदनी बनाता है।
Interesting Facts About Moon in Hindi – चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य जो आप नहीं जानते
- चांद धरती के आकार का केवल 27% ही है।
- चाँद का क्षेत्रफल (Moon Area) अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है।
- चंद्रमा का आकार देखने में गोल लगता हैं, लेकिन इसका आकार गोल नहीं है। बल्कि यह अंडे के आकार का है।
- चंद्रमा 2300 मील/घंटे (3700 किलोमीटर/घंटे) की औसत गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
- पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता के कारण सागरीय जल में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है।
- चंद्रमा पर कदम दूसरा कदम बज़ एड्रियन (Buzz Adrian) ने रखा था, जो 1969 में अपोलो-11 मिशन पर नील आर्मस्ट्रांग के साथी थे।
- चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम है। किसी भी तरह का वायुमंडल का न होने का मतलब है कि सौर वायु और उल्कापिंड के आने का खतरा लगातार बना रहता है।
- चाँद पर पानी भारत की खोज है। भारत से पहले भी कई वैज्ञानिकों का मानना था कि चांद पर पानी होगा परन्तु किसी ने खोजा नहीं था।
- चाँद पर करीब 1 लाख 81 हजार 400 किलो का मानव निर्मित मलबा पड़ा हुआ है जिसमें 70 से अधिक अंतरिक्ष यान और दुर्घटना ग्रस्त कृत्रिम उपग्रह भी शामिल हैं।
- “चंद्रयान-2” (Chandrayaan-2) 14 जुलाई 2019 में लांच किया गया। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण लांच के 56 मिनट पहले ही इसे बंद कर दिया गया। 22 जुलाई 2019 में इसे पुनः लांच किया गया। 6 सितंबर 2019 को लगभग 1.53 बजे इसका संपर्क इसरो के नियंत्रण कक्ष से टूट गया। और यह हार्ड लैंडिंग कर गया।
- 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी है। इसरो के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त को शाम 6:20 पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की है जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में पहला देश बन चुका है।
- चंद्रमा पर पहुचा भारत दुनिया हो गई दंग! चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुचने वाला भारत बना पहला देश।
- चंद्रयान-3 के मिशन के उद्देश्य हैं: 1. चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना 2. रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और 3. यथास्थित वैज्ञानिक प्रयोग करना है।
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Amazing Facts About Moon in Hindi – चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य
- चंद्रमा पर कदम रखने वाले अंतिम व्यक्ति 1972 में अपोलो-17 मिशन पर गए जीन सर्नन (Gene Cernan) थे।
- 1969 से 1972 तक चंद्रमा पर 6 मानवयुक्त यान भेजे गए। 1972 के उपरांत चंद्रमा पर मानव रहित अंतरिक्ष यान ही भेजे गए हैं।
- मैन्स हुयगन्स चाँद की सबसे ऊँची चोटी है। इसकी लंबाई लगभग 4700 मीटर है।
- पृथ्वी का परिभ्रमण करने के दौरान चंद्रमा की विभिन्न प्रावस्थाएँ, जो पृथ्वी, चंद्रमा तथा सूर्य की सापेक्ष स्थिति में होने वाले परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती हैं। चंद्रमा की इन्हीं प्रावस्थाओं को नवचंद्र, पूर्णचंद्र आदि की संज्ञा दी जाती है।
- पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी 384, 403 किलोमीटर है।
- चाँद का वजन लगभग 81,00,00,00,000 (81 अरब) टन है।
- टेलीस्कोप से चंद्रमा जिस तरह का दिखाई पड़ता है, उसका मानचित्र ब्रिटिश खगोल शास्त्री थॉमस हैरियट (Thomas Harriot) द्वारा सबसे पहले बनाया गया था।
- चंद्रमा (Moon) पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। सौरमंडल के 181 उपग्रहों में यह पाँचवाँ सबसे बड़ा उपग्रह है। सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह ब्रहस्पति का गैनीमीड है, जो दो ग्रहों प्लूटो (Pluto) और बुध (Mercury) से भी बड़ा है।
- नील आर्मस्ट्रोंग ने चाँद पर जब अपना पहला कदम रखा तो उससे जो निशान चाँद की जमीन पर बना वह अब तक है और अगले कुछ लाखों सालों तक ऐसा ही रहेगा। क्योंकि चांद पर हवा नहीं है।
- खबरों के मुताबिक 1950 में अमेरिका ने चांद को एटम बम से उड़ाने की योजना बनाई थी। अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने यह सनसनीखेज़ योजना अपने दुश्मन रूस को अपनी ताक़त से खौफ़जदा करने के लिए रची जब दोनों देशों के बीच शीत युद्ध अपने चरम पर था।
- चंद्रमा पर झंडा फहराने वाला भारत विश्व का चौथा देश है। इसरो (ISRO) एक चन्द्र-अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान “चंद्रयान-1” (Chandrayaan-1) भेजा था। यह एक मानव रहित यान था, जिसे 12 अक्टूबर 2008 में भेजा गया था। चंद्रयान-1 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के नक्शे, पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। इसका कार्यकाल 2 वर्ष का था। लेकिन नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने की वजह से इसे 1 वर्ष में ही बंद कर दिया गया था।
- धरती से अगर चाँद गायब हो जाए तो पृथ्वी पर दिन महज़ छह घंटे के लिए होगा।
- चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से 1/6 है। अगर आंकड़ों में बात की जाए तो चाँद पर इंसान का वजन 16.5% कम होता है। यही कारण है कि चाँद पर अंतरिक्ष यात्री ज्यादा उछलकूद कर सकते हैं।
- अगर आप अपने इंटरनेट की स्पीड से खुश नहीं हैं। तो आप चाँद का रुख कर सकते हैं। जी हां, नासा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए चाँद पर वाई-फाई कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है जिसकी 19 एमबीपीएस की स्पीड बेहद हैरतअंगेज़ है।
- चंद्रमा की सतह पर धूल का गुबार सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पर मंडराता रहता है। इसका असली कारण अभी तक पता नहीं चला सका है।
- चंद्रमा पर मनुष्य द्वारा छोड़े गए 96 बैग ऐसे हैं जिनमें मल, मूत्र और उल्टी है।
- अगर आपका वजन धरती पर 60 किलो है तो चाँद की कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से चाँद पर आपका वजन 10 किलो ही होगा।
- अभी तक जिन उपग्रहों के घनत्व ज्ञात हैं, उनमें चंद्रमा दूसरा सबसे अधिक घनत्व वाला उपग्रह है। पहले स्थान पर बृहस्पति का उपग्रह आता है।
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चांद के बारे में महत्वपूर्ण बातें – चंद्रमा पर रोचक तथ्य जो आपको नहीं पता
- पृथ्वी पर अगर चंद्र ग्रहण लगा है तो चांद पर सूर्य ग्रहण होगा।
- क्या आप जानते हैं पूरा चाँद आधे चाँद से 9 गुना ज्यादा चमकदार होता है।
- जब सारे अपोलो अंतरिक्ष यान चाँद से वापिस आए तब वह कुल मिलाकर 296 चट्टानों के टुकड़े लेकर आए जिनका द्रव्यमान (वजन) 382 किलो था।
- चाँद धरती के ईर्ध-गिर्द घूमते समय अपना सिर्फ एक हिस्सा ही धरती की तरह रखता है। इसलिए चाँद का दूसरा हिस्सा आज तक धरती से किसी मनुष्य ने नहीं देखा। हालाँकि बाकि हिस्से का फोटो लिया जा चुका हैं।
- चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में 27.3 दिन का समय लगता है।
- यह आश्चर्यजनक हो सकता है। लेकिन चांद की सतह पर बेहद अस्थिर और हल्का वायुमंडल मौजूद है। चांद पर पानी भी तरल नहीं बल्कि सॉलिड फॉर्म में मौजूद है। नासा के एलएडीईई प्रोजेक्ट के मुताबिक यह हीलियम, नीयोन और ऑर्गन गैसों से बना हुआ है।
- चंद्रमा पृथ्वी से हर साल 3.78 सेमी दूर होता जा रहा है और अगले 50 अरब साल तक ऐसा ही होता रहेगा। ऐसा होने पर चांद पृथ्वी की परिक्रमा करने में 47 दिन लगाएगा।
- चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखायी देता है। क्योंकि वहां प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं है।
👉 क्या आप जानते हैं आसमान धरती से नीला क्यों दिखाई देता है?
- 2 जनवरी 1959 में सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किया गया मानव रहित यान लूना-1 पहला अंतरिक्ष यान था, जो चंद्रमा की सतह के करीब से गुजरा था। तकनीकी खामियों के कारण यह चंद्रमा की सतह पर लैंड नहीं कर पाया, बल्कि 5995 किलोमीटर दूर से गुजर गया। लूना परियोजना के अंतर्गत छोड़ा गया दूसरा यान लूना-2 सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर पहुँचा (13 सितंबर 1959)।
- चंद्रमा रात में चमकता हुआ जरूर दिखाई पड़ता है। लेकिन यह उसका स्वयं का कोई प्रकाश नहीं है। वह सूर्य के प्रकाश का परावर्तन करता है। यह प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में 1.3 सेकंड का समय लेता है।
- पृथ्वी से देखने पर सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही आकार के दिखाई पड़ते हैं। लेकिन वास्तव में चंद्रमा सूर्य से 400 गुना छोटा है। सूर्य की तुलना में पृथ्वी से 400 गुना करीब होने के कारण चंद्रमा आकार में सूर्य जितना प्रतीत होता है।
- हमेशा चंद्रमा का एक ही भाग पृथ्वी के सामने होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा के अपने अक्ष पर घूर्णन की अवधि और पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा की अवधि एक समान है। हम हमेशा चंद्रमा का 50% भाग ही देख पाते हैं।
- चंद्रमा की सतह से पृथ्वी को देखने पर यह अपने मूल आकार से 4 गुना अधिक बड़ी दिखाई पड़ती है। साथ ही यह पूर्णिमा के चाँद की तुलना में 45 से 100 गुना अधिक चमकदार भी दिखाई पड़ती है।
- चंद्रमा की ही गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण पृथ्वी (अर्थ) के सागरीय जल में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है।
- चंद्रग्रहण वह खगोलीय स्थिति है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं, तब चंद्रग्रहण पड़ता है। जब पृथ्वी पर चंद्रग्रहण होता है, तब चंद्रमा पर सूर्यग्रहण होता है।
- जब अंतरिक्ष यात्री एलन सैपर्ड चांद पर थे तब उन्होंने एक गोल्फ़ बॉल को हिट मारा जोकि तकरीबन 800 मीटर दूर तक गई।
- चंद्रमा 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थीया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच हुए भीषण टकराव के बाद बचे हुए अवशेषों से बना था।
- पृथ्वी पर आने वाले भूकंपों (अर्थ्क्वेक्स) की तरह चंद्रमा की सतह पर भी कंपन होता है, जिसे मूनक्वेक्स कहा जाता हैं। Moonquakes आने का कारण पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव है। पृथ्वी पर आने वाले भूकंप की अवधि कुछ ही मिनट की होती है। लेकिन चंद्रमा पर moonquakes आधे से एक घंटे तक आ सकता है।
- चाँद में दिन का तापमान 180 डिग्री सेल्सीयस तक पहुँच जाता है। जब कि रात का -153 डिग्री सेल्सीयस तक।
- यह जानकर हैरानी होगी कि आपके मोबाइल फ़ोन में अपोलो 11 यान के चंद्रमा लैंडिंग के समय यूज किए गए कंप्यूटर की तुलना में अधिक कंप्यूटिंग शक्ति है।
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