List of Rivers in India, भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल PDF, भारत का नदी तंत्र, एस्च्युरी (ज्वारनदमुख) और डेल्टा क्या होता है? अपवाह तंत्र (Drainage System) क्या है? सभी कुछ जानें एक ही जगह पर।
भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिंधु तथा गंगा नदी की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं – सिंधु घाटी तथा आर्य सभ्यता का उदय हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेंद्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से संबद्ध है।
हमारे भारत देश में मुख्यतः चार नदी प्रणालियाँ है (अपवाह तंत्र) हैं। उत्तर-पश्चिमी भारत में सिंधु नदी प्रणाली, उत्तर भारत में गंगा नदी प्रणाली, उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली तथा दक्षिण भारत में (प्रायद्वीपीय भारत में) नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियाँ विस्तृत नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं।
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एस्च्युरी (ज्वारनदमुख) और डेल्टा क्या होता है?
एस्च्युरी : सागर तट पर स्थित आधा बंद खारे पानी का वह क्षेत्र जहां नदियों का ताजा पानी समुद्र के खारे पानी के साथ मिलता है। नर्मदा, ताप्ती, मांडवी नदी एस्च्युरी यानी ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।
डेल्टा : डेल्टा उस भूभाग को कहा जाता है, जो नदियों द्वारा बहाकर लाई गई मिट्टी से बनता है। यह मुख्यतः नदी के उस मुहाने पर बनता है, जहां वह किसी समुद्र अथवा झील से मिलती है। इस भूभाग का आकार आम तौर पर त्रिभुजाकार होता है। क्योंकि इस जगह पर नदी की धारा कई धाराओ में बट जाती है। डेल्टा प्रायः उपजाऊ मिट्टी का निर्माण करते है।
गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा डेल्टा का निर्माण करती है।
अपवाह तंत्र (Drainage System) क्या है?
अपवाह तन्त्र या प्रवाह प्रणाली (drainage system) किसी नदी तथा उसकी सहायक धाराओं द्वारा निर्मित जल प्रवाह की विशेष व्यवस्था को कहते हैं। यह एक तरह का जालतन्त्र या नेटवर्क है जिसमें अलग-अलग दिशाओं से छोटी-छोटी धाराएं आकर एक मुख्य धारा मतलब मुख्य नदी का निर्माण करती हैं।
Note:-अलग-अलग दिशाओं से जो छोटी-छोटी धाराएँ आती है वह मुख्य नदी की सहायक नदिया होती है।
चलिए अब भारत के अपवाह तंत्र को समझते हैं –
भारत का अपवाह तंत्र : (Drainage System in India)
भारत के अपवाह तंत्र को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है।
हिमालयी अपवाह तंत्र | प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र |
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सिंधु नदी तंत्र गंगा नदी तंत्र ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र | नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी |
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List of Rivers in India – भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल
भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल की जानकारी आगे विस्तार से दी गई है।
1 हिमालयी अपवाह तंत्र
हिमालयी अपवाह तंत्र में तीन मुख्य नदी है सिंधु, गंगा, और ब्रह्मपुत्र नदी और इनकी सहायक नदिया जिनकी जानकारी विस्तार से आगे दी गई है।
* सिंधु नदी तंत्र
- सिंधु नदी 3 देशों में से होकर बहती है – चीन, भारत, और पाकिस्तान।
- चीन के तिब्बत में स्थित मानसरोवर झील के निकट से इसका उद्गम होता है, और उत्तर पश्चिम दिशा में बहती हुई यह नदी भारत के लद्दाख के दमचोक के पास से भारत में प्रवेश करती है, आगे बहती हुई यह नदी गिलगित से होते हुए दुर्दिस्तान के पास पाकिस्तान में प्रवेश करती है, और फिर कराची के पूर्व से होते हुए अरब सागर में मिल जाती है।
- सिंधु नदी की कुल लम्बाई 2880 किलोमीटर है।
- भारत का लेह शहर सिंधु नदी के दाएं तट पर स्थित है।
- चेनाब, झेलम, रावी, व्यास और सतलज नदी इसकी सहायक नदी हैं।
सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदिया
सिंधु नदी के अरब सागर में मिलने से पहले इसमें 5 प्रमुख सहायक नदिया आकर मिलती है। जिनके नाम हैं चेनाब, झेलम, रावी, व्यास और सतलज नदी।
चेनाब नदी : यह सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है इसका उद्गम हिमाचल प्रदेश के K12 लारा दर्रे से होता है। हिमाचल प्रदेश में इस नदी का निर्माण 2 नदी चंद्रा और भागा नदी से होता है इस लिए इसे वहाँ चंद्रभागा के नाम से जाना जाता है।
चेनाब नदी पाकिस्तान में जाकर सिंधु नदी से मिल जाती है, लेकिन सिंधु नदी में मिलने से पहले इसमें झेलम, रावी, सतलज, व्यास नदिया आकर मिलती है।
झेलम नदी : झेलम नदी का उद्गम कश्मीर घाटी के बैरीनाग के निकट से होता है यह नदी 170 km भारत पाकिस्तान सीमा का निर्माण करती हुई पाकिस्तान के झंग के निकट चेनाब नदी में मिल जाती है।
रावी नदी : यह नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से निकलकर कश्मीर तथा पंजाब होते हुए पाकिस्तान के झंग के निकट चेनाब में मिल जाती है।
सतलज नदी : यह नदी तिब्बत के राक्षस ताल से निकलती है और सिंधु नदी के समानांतर बहती हुई हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है आगे पंजाब होते हुए पाकिस्तान के बहावलपुर मे चेनाब नदी से मिल जाती है। लेकिन चेनाब में मिलने से पहले इससे व्यास नदी आकर मिलती है।
व्यास नदी : रोहतांग दर्रे से निकलकर व्यास नदी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी में बहते हुए पंजाब के हरिके में सतलज नदी से मिल जाती है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
हरिके क्षेत्र में व्यास और सतलज नदी के संगम से देश की सबसे लम्बी नहर इंदिरा गाँधी नहर निकलती है, जो की पंजाब और राजस्थान से होकर गुजरती है। राजस्थान में इसकी लम्बाई सबसे अधिक 470 km है।
पाकिस्तान के बहावलपुर में जब सतलज नदी चेनाब नदी से मिलती है तब ये चेनाब में मिलकर पंचनद नदी का निर्माण करती है। जो कि सिंधु नदी में मिलने से पहले 45 km तक ये पाँचों नदिया यहाँ एक होकर आगे बहती है।
सिंधु जल समझौता : पानी के वितरण लिए 1960 में हुई भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते के अनुसार, तीन “पूर्वी” नदियों – ब्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को, तथा तीन “पश्चिमी” नदियों – सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया।
गंगा नदी तंत्र :
* गंगा नदी :
- गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है इसकी कुल लम्बाई 2525 km है। और भारत में इसकी लम्बाई 2071 km है, बाकी बांग्लादेश में है।
- सतोपथ हिमानी से निकली अलकनंदा और गौमुख से निकली भागीरथी नदी जब देव प्रयाग में मिलती है तब इसका संयुक्त रूप गंगा के नाम से जाना जाता है।
अलकनंदा की 2 प्रमुख सहायक नदिया है :
पिंडार नदी | पिंडार नदी अलकनंदा को कर्णप्रयाग में आकर मिलती है। |
मन्दाकिनी | मन्दाकिनी नदी अलकनंदा को रूद्र प्रयाग में आकर मिलती है। |
महत्वपूर्ण तथ्य: प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर मन्दाकिनी नदी के तट पर स्थित है और बद्रीनाथ का मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है।
- उत्तराखंड से निकली गंगा उत्तरप्रदेश, बिहार होती हुई पश्चिम बंगाल तक बहती है पं. बंगाल के फरक्का पर ये 2 धाराओं में बट जाती है हुगली और मुख्य धारा भागीरथी।
- भागीरथी नदी बांग्लादेश में मुख्य धारा के रूप में प्रवेश करती है, जहां इसे पद्मा के नाम से जाना जाता है आगे बहती हुई ये पद्मा ब्रह्मपुत्र जिसे बांग्लादेश में जमुना के नाम से जाना जाता है से मिल जाती है और संयुक्त रूप जिसे मेघना कहा जाता है के रूप में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां
गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदिया यमुना, कोसी, सोन, गोमती, दामोदर, घाघरा (सरयू), गंडक, रामगंगा हैं।
यमुना नदी :
- यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है, यह उत्तराखंड के बंदरपूछ चोटी पर स्थित यमुनोत्री हिमानी से निकलती है।
- यह नदी उत्तराखंड से हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश से बहते हुए प्रयागराज (इलाहबाद) में गंगा नदी से जाकर मिल जाती है।
- यमुना नदी का प्राचीन नाम कालिंदी नदी है।
- यमुना की सहायक नदिया चंबल, बेतवा और केन है।
यमुना नदी की सहायक नदिया
चम्बल नदी :
यह नदी मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित महू क्षेत्र के जानापाव पर्वत से निकलती है, उत्तर-मध्य भाग में बहते हुए ये नदी राजस्थान से होकर उत्तरप्रदेश के इटावा में यमुना नदी से मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई 965 Km है।
बेतवा नदी :
यह नदी मध्यप्रदेश के भोपाल से निकलती है, और उत्तरपूर्वी दिशा में बहते हुए उत्तरप्रदेश के हमीरपुर में यमुना नदी में मिल जाती है।
केन नदी :
केन नदी का उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है तथा यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है।
महत्वपूर्ण बातें :
प्रसिदध स्थान सांची बेतवा नदी के किनारे स्थित है। सांची में कई बौद्ध स्मारक है, सांची का स्तूप अशोक ने तीसरी शताब्दी ई.सा.पु. में बनाया था।
कोसी नदी :
- यह नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में प्रवेश करती है।
- ये नदी प्रायः अपना मार्ग बदलने के कारण चर्चा में रहती है और इसमें आने वाली बाढ़ से बिहार में अधिक मात्रा में तबाही देखने को मिलती है, इसलिए इस नदी को “बिहार का शोक” भी कहा जाता है।
- यह नदी बिहार के कटिहार में गंगा नदी से मिलती है।
दामोदर नदी :
यह नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर पठार से निकलती है और पश्चिम में बहते हुए ये हुगली नदी में जाकर मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई (592 km) है। इस नदी में अचानक आने वाली बाढ़ के कारण इसे बंगाल का अभिशाप भी कहा जाता है। और प्रदूषण के कारण इस नदी को “जैविक मरुस्थल” कहा जाता है। कोनार तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।
जैविक मरुस्थलीय नदी एक ऐसी नदी होती है जहाँ हमें ऐसा जीवन नहीं मिलता जो कोई मछली या कोई जलीय जानवर हो।
गोमती नदी :
इस नदी का उद्गम उत्तरप्रदेश के पीलीभीत स्थित गोमतताल से होता है जिसे फुलहर झील भी कहते है। गोमती नदी की लंबाई 960 किलोमीटर है। यह गंगा नदी की एक मात्र ऐसी सहायक नदी है, जिसका उद्गम मैदान से होता है।
घाघरा या सरयू नदी :
सरयू नदीजिसे घाघरा नदी भी कहा जाता है, भारत के उत्तरी भाग में बहने वाली एक नदी है। इसका उद्गम उत्तराखण्ड के बागेश्वर ज़िले में होता है, फिर शारदा नदी में विलय हो जाती है, जो काली नदी भी कहलाती है। और फिर यह गंगा नदी में मिल जाती है।
टोंस (तमसा) नदी :
यह मध्य प्रदेश में कैमूर पर्वतमाला में स्थित तमसा कुण्ड नामक जलाशय से उत्पन्न होती है। उत्तर-पूर्वी दिशा में बहते हुए उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से 32 किलोमीटर दूर ही सिरसा के निकट यह गंगा नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 265 किलोमीटर है।
सोन नदी :
सोन नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक नामक स्थान से निकलती है और उत्तर की और बहते हुए यह पटना के निकट गंगा में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 784 कि॰मी॰ है।
महत्वपूर्ण तथ्य : सोन नदी और यमुना नदी के बीच जल विभाजन का काम कैमूर की पहाड़ियां करती हैं।
गंड़क नदी :
इस नदी को नेपाल में सालिग्रामि और मैदानों में नारायणी और सप्तगण्डकी कहते हैं। यह हिमालय से निकलकर दक्षिण-पश्चिम बहती हुई भारत में प्रवेश करती है। उत्तर प्रदेश और बिहार से बहती हुई पटना के सम्मुख गंगा में मिल जाती है।
महानंदा नदी :
यह दार्जिलिंग जिले में कुर्सियांग के पूर्व में चिमली के पास महालदीराम पर्वत पर पगलाझोरा जलप्रपात से निकली है। भारत के पश्चिम बंगाल व बिहार राज्यों और बांग्लादेश में बहने वाली एक नदी है। हिमालय से निकलने वाली गंगा की अंतिम सहायक नदी है। इसकी लम्बाई 360 कि॰मी॰ है।
गंगा नदी से संबंधित महत्वपूर्ण Points:
- कौन सी नदी और कौन सी नदी गंगा के बाए तट पर आकर मिलती है?
- गंगा के दाएं तट पर मिलने वाली नदियां – यमुना, सोन, टोंस।
- गंगा के बाएं तट पर मिलने वाली नदियां – रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा।
- गंगा नदी को 2008 में राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया गया और गंगा के किनारे बसा सबसे बड़ा शहर कानपुर है।
- गंगा नदी के प्रवाह का क्रम – उत्तराखंड -> उत्तरप्रदेश -> बिहार -> पश्चिमबंगाल
* ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
ब्रह्मपुत्र नदी : यह नदी तिब्बत, भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट से निकलती है।
ध्यान रखें : ब्रह्मपुत्र, सतलज और सिंधु नदिया तिब्बत के मानसरोवर के पास से निकलती है ।
इस नदी को तिब्बत में यरलुंग जंगबो के नाम से और सांपो के नाम से जाना जाता है जब ये नदी भारत में असम घाटी में प्रवेश करती है तब इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है, इस नदी को अरुणाचल प्रदेश में दिहांग के नाम से जाना जाता है।
असम घाटी में बहते हुए यह नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहाँ इसे जमुना के नाम से जाना जाता है, बांग्लादेश में ये गंगा (पद्मा) के साथ मिल जाती है और गंगा व ब्रह्मपुत्र का संयुक्त रूप मेघना के नाम से जाना जाता है। और विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा “सुंदरबन डेल्टा” का निर्माण करते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदिया कौन सी है?
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदिया – तिस्ता, सुवनसिरि, कमेंग, मानस, दिबांग, लोहित, बराक, कपिली है।
तिस्ता, सुवनसिरि, कनेंग मानस, दिबांग दाए तट से और लोहित, बराक, दिबांग बाएं तट से ब्रह्मपुत्र से मिलती है।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की कुछ महत्वपूर्ण Points –
- तिस्ता नदी का उदगम सिक्किम से होता है पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है और वहाँ ब्रह्मपुत्र से मिल जाती है |
- लोहित नदी को खून की नदी के नाम से जाना जाता है।
- बराक नदी मणिपुर की पहाड़ियों से निकलती है, मणिपुर से मिजोरम, असम होते हुए बंगलादेश में प्रवेश करती है और मेघना नदी में जाकर मिल जाती है।
- ब्रह्मपुत्र नदी गंगा नदी के साथ मिलकर विश्व के सबसे बड़े नदी डेल्टा सुंदरवन डेल्टा का निर्माण करती है |
- ब्रह्मपुत्र नदी में ही विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप (World Largest River Island) “माजुली” (असम में) स्थित है।
2. प्रायद्वीपीय नदी तंत्र
- हिमालयी नदी तंत्र की तुलना में प्रायद्वीपीय नदी तंत्र बहुत अधिक पुराना है।
- दक्षिण भारत की नदिया प्रायः वृक्षनुमा अपवाह तंत्र रखती है।
- प्रायद्वीपीय नदियों के अपवाह तंत्र में नर्मदा, ताप्ती, माही, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी आती है।
- अरब सागर में गिरने वाली नदिया नर्मदा, ताप्ती माही।
- बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदिया गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी।
* नर्मदा नदी :
- मध्यप्रदेश के अमरकंटक में इस नदी का उद्गम होता है जो पश्चिम की और बहते हुए 1312 km की दुरी तय कर खम्भात की खाड़ी अरब सागर में मिल जाती है।
- नर्मदा नदी उत्तर में विंध्याचल पर्वत और दक्षिण में सतपुड़ा पर्वत के बीच भ्रंश घाटी (Rift Valley) से होते हुए बहती है।
- यह नदी मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी है इसे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है नर्मदा नदी की सहायक नदिया ओरसंग, तवा और शेर है।
ध्यान रखें – अमरकंटक से 2 नदिया निकलती है नर्मदा और सोन नदी, दोनों नदिया भ्रंश घाटी (Rift Valley) से होते हुए बहती है।
* ताप्ती नदी (724 Km):
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के निकट सतपुड़ा पहाडियों से निकलती है, यह नदी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात से प्रवाहित होती हुई ये अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
* माही नदी (583 km):
इसका उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिले के समीप विंध्याचल पर्वत श्रेणी से होता है, मध्यप्रदेश, राजस्थान , गुजरात से बहते हुए ये नदी खम्बात को खाड़ी में गिर जाती है ।
ध्यान रखें – माही भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को 2 बार काटती है।
* गोदावरी नदी : (1465 Km)
यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी है। यह नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्रम्बकेश्वर से निकलती है और दक्षिण पूर्व की और बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
ध्यान रखें :- पेनगंगा, इंद्रावती, प्रणहिता इसकी प्रमुख सहायक नदिया है।
* कृष्णा नदी : (1400 km)
- कृष्णा नदी प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी है |
- इसका उद्गम महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के पास से होता है, कृष्णा नदी महाराष्ट्र से होते हुए कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- कृष्णा नदी जल विवाद कृष्णा नदी के जल बटवारे से सम्बंधित है जो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच 1957 से चल रहा है।
* महानदी : (851 Km)
महानदी छत्तीसगढ़, उड़ीसा की प्रमुख नदी है ।
इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के रायपुर के निकट सिहावा पहाड़ी से होता है और ये नदी आगे पूर्व की और बहते हुए ये उड़ीसा में प्रवेश करती है और डेल्टा का निर्माण करते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
ध्यान रखियेगा : तेल नदी और जोंक महानदी प्रमुख सहायक नदी है।
* कावेरी नदी (800 km) :
कर्नाटक के कर्ग के निकट ब्रह्मगिरि पहाड़ियों से निकलती है और कर्नाटक तामिलनाडू से बहते हुए तिरुचिरापल्ली के निकट बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
ध्यान रखें – इसे दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है।
अन्य प्रमुख नदिया
स्वर्ण रेखा नदी :
- यह नदी रांची के निकट छोटा नागपुर के पठार से निकलती है, झारखण्ड से निकलकर, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा से होते हुए ये बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- प्रसिद्ध शहर जमशेदपुर (टाटानगर) इसी नदी के तट पर स्थित है।
* लूनी नदी :
- इसका उद्गम अजमेर के निकट अरावली पहाड़ियों के निकट नाग पहाड़ से होता है राजस्थान से होते हुए गुजरात के कछ के रन में यह नदी विलुप्त हो जाती है।
- इस नदी को Salt River के नाम से भी जाना जाता है।
* काली नदी :
- इस नदी को शारदा और कालीगंगा के नाम से जाना जाता है।
- ये नदी हिमालय स्थित कालापानी नामक स्थान से निकलती है, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में होते हुए यह नदी घाघरा नदी के साथ मिल जाती है।
- ध्यान रखें – काली नदी पूर्व की और नेपाल और भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा बनती है |
* पेन्नार नदी :
- पेन्नार नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं।
- यह नदी कर्नाटक में नन्ददुर्ग पहाड़ी से निकलकर पूर्व की ओर 970 किलोमीटर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
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भारत की प्रमुख नदियों की सूची – List of Rivers in India
1. गंगा नदी | 14. घाघरा | 27. महानदी |
2. सरयू नदी | 15. चम्बल | 28. महानंदा |
3. यमुना नदी | 16. चेनाब | 29. रावी |
4. सरस्वती नदी | 17. झेलम | 30. व्यास |
5. कालिंदी | 18. दामोदर | 31. सतलुज |
6. कावेरी | 19. नर्मदा | 32. सरयू |
7. रामगंगा | 20. ताप्ती | 33. सिन्धु नदी |
8. कोसी | 21. बेतवा | 34. सुवर्णरेखा |
9. गगास नदी | 22. पद्मा | 35. हुगली |
10. विनोद नदी | 23. फल्गू | 36. गोमती नदी |
11. कृष्णा नदी | 24. बागमती | 37. माही नदी |
12. गोदावरी | 25. ब्रह्मपुत्र | 38. शिप्रा नदी |
13. गंडक | 26. भागीरथी |
बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख है ये