महँगाई एक है पर इसके कारण अनेक है। भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है, जिसे भोजन, कपड़ा और रहने का ठिकाना चाहिए पर जनसंख्या ज्यादा होने के कारण इसकी व्यवस्था नहीं हो पाती जिससे महँगाई बढ़ती है।
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महँगाई पर निबंध, कारण और महँगाई कम करने के उपाय
प्रस्तावना
किसी भी देश में जैसे-जैसे महँगाई बढ़ती जाती है, वहां की अर्थव्यवस्था घटती जाती है। भारत में भी महँगाई आसमान छू रही है। देश में गरीबी और बेरोजगारी है जिससे महँगाई घटने का नाम ही नहीं ले रही है। प्राचीनकाल में भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था और आज भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर हो चुकी है। सरकारें भी महँगाई कम करने का प्रयत्न करती हैं पर महँगाई कम कहां होने वाली है।
महँगाई का अर्थ
महँगाई का अर्थ यह नहीं है कि चीजें बदल गई हैं, बल्कि महँगाई का अर्थ होता है किसी चीज की कीमत बढ़ जाना और ऐसा तब होता है जब वस्तु कम होती है और उपभोक्ता या ग्राहक ज्यादा होते हैं। भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है, और देश में रोजगार की कमी है जिससे लोगों में पैसे की भी कमी है और यही कारण महँगाई को बढ़ाता है।
प्राचीनकाल में महँगाई
ऐसा नहीं है कि पहले महँगाई नहीं थी प्राचीनकाल या कुछ दशक पहले भी महंगाई थी पर इतनी नहीं थी। जितनी आज के समय में है कुछ दशक पहले वस्तुओं की कीमत बहुत कम हुआ करती थी। लोग आत्मनिर्भर होते थे। उन्हें ज्यादा वस्तुएं खरीदने की जरूरत नहीं होती थी उनकी आवश्यकताएं सीमित थी और इसी कारण पहले महंगाई बहुत कम थी।
वर्तमान में महँगाई
आज महँगाई आसमान छू रही है। लोगों में चिंता है, वे महँगाई से डरे हुए हैं। आज कोई भी व्यक्ति कोई सामान खरीदने से पहले दस बार सोचता है और बजट बनाता है तभी उसे खरीदता है। आज महँगाई इतनी बढ़ गई है कि सरकारें भी महँगाई भत्ता लेने लगी है। सर्विस टैक्स, टोल टैक्स, जीएसटी आदि टैक्स लग रहे हैं, जिससे आमजन से लेकर बड़े अमीर व्यक्ति भी परेशान हैं।
महँगाई के कारण
महँगाई एक है पर इसके कारण अनेक है। भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है, जिसे भोजन, कपड़ा और रहने का ठिकाना चाहिए पर जनसंख्या ज्यादा होने के कारण इसकी व्यवस्था नहीं हो पाती जिससे महँगाई बढ़ती है। कई बार लोग जरूरी सामानों को पैसे की लालच में जमा करके रख लेते हैं जिससे सामान की कमी हो जाती है और सामान की कीमत बढ़ जाती है। देश में बेरोजगारी भी महँगाई को बढ़ावा देती है।
महँगाई और मुद्रा में संबंध
महँगाई किसी देश की मुद्रा या आर्थिक स्थिति को भी कमजोर करती है। महँगाई बढ़ने से दूसरे देश की मुद्रा की तुलना में अपने देश की मुद्रा कमजोर होती चली जाती है। जिस देश में जितनी महँगाई है वहां की आर्थिक स्थिति उतनी ही कमजोर होती जाती है। आज भारतीय मुद्रा इतनी कमजोर हो चुकी है कि देश करीब हो गया है और देश में महँगाई बढ़ती चली जा रही है।
महंगाई कम करने के उपाय
देश से महँगाई कम करने के लिए जरूरी है देश की जनता की आत्मनिर्भर हो। देश से गरीबी हटे और लोगों को रोजगार मिले। सामानों की जमाखोरी बंद हो तथा सबको समान रूप से क्रय विक्रय करने का अधिकार हो। देश में सामानों का आयात कम हो तथा देश की जनता देश के स्वयं के निर्मित सामानों का उपयोग करें। सरकार टैक्स को कम करें तथा महँगाई को कम करने का प्रयास करें। यह सभी प्रयास महँगाई को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
उपसंहार
आज महँगाई इतनी बढ़ गई है, जिससे हर कोई परेशान है। आज हमें जरूरत है महँगाई कम करने की नीतियों को लागू करने की। आज देश को आजाद हुए 70 साल से भी अधिक हो गए लेकिन देश में आज भी गरीबी बनी है। सरकार बड़े-बड़े नागरो की बजाए छोटे-छोटे गांवों और कस्बों के विकास पर ध्यान दें। तो देश के लोग आत्म निर्भर होगें तथा देश से गरीबी और महंगाई जड़ से खत्म हो जाएगी।
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