मोहित सूरी द्वारा निर्देशित ‘सैयारा (2025)’ एक भावनात्मक प्रेम कहानी है जिसमें आहान पांडे और अनीत पड्डा ने शानदार अभिनय किया है। जानिए फिल्म की पूरी कहानी, क्लाइमैक्स, किरदार और इसका दिल छू लेने वाला संदेश।
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🎬 सैयारा (Saiyaara) 2025 – फुल मूवी स्टोरी हिंदी में
निर्देशक: मोहित सूरी
प्रोडक्शन: यशराज फिल्म्स
मुख्य कलाकार:
- आहान पांडे (कृष्ण कपूर)
- अनीत पड्डा (वाणी बत्रा)

📖 कहानी की शुरुआत:
“सैयारा” एक संगीत और भावनाओं से भरी प्रेम कहानी है, जो कृष्ण कपूर (Krish Kapoor) और वाणी बत्रा (Vaani Batra) के इर्द-गिर्द घूमती है। कृष्ण एक युवा संघर्षरत संगीतकार है, जो अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। वहीं वाणी एक भावुक और गहराई से सोचने वाली लेखिका है, जो अपनी कविताओं और विचारों के ज़रिए खुद को दुनिया से जोड़ती है।
एक दिन एक किताब मेले में दोनों की मुलाकात होती है, जहाँ कृष्ण वाणी की कविताओं से इतना प्रभावित होता है कि वह उसे अपने गानों के लिए गीतकार बनने का प्रस्ताव देता है। शुरुआत में वाणी झिझकती है, लेकिन धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे की रचनात्मकता और सोच से जुड़ने लगते हैं।
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🎼 प्यार की शुरुआत:
जैसे-जैसे दोनों साथ काम करते हैं, कृष्ण की धुनों में वाणी की भावनाएं घुलने लगती हैं। उनका रिश्ता सिर्फ प्रोफेशनल नहीं रहता — वे एक-दूसरे की ज़रूरत बन जाते हैं। वाणी की गंभीर सोच और कृष्ण की जिंदादिली दोनों को संतुलन देती है।
इसी दौरान वाणी को अपने जीवन का सबसे बड़ा झटका लगता है — उसे डॉक्टर बताते हैं कि वह Early-onset Alzheimer’s disease से पीड़ित है। यानी उसकी याददाश्त धीरे-धीरे कमजोर होती जाएगी, और समय के साथ वह अपने आप को, अपने रिश्तों को और अपनी कला को भूलने लगेगी।
💔 संघर्ष का दौर:
यह बीमारी वाणी के लिए तोड़ देने वाली होती है। वह कृष्ण से दूरी बनाने की कोशिश करती है, ताकि वह उसे टूटते हुए न देखे। लेकिन कृष्ण, जो अब उससे सच्चा प्यार करने लगा है, उसे छोड़ने से इनकार कर देता है। वह उसके साथ रहने, उसकी हर खुशी और दर्द को बाँटने का वादा करता है।
फिल्म में कई भावुक दृश्य हैं, जहाँ वाणी अपनी याददाश्त खोने लगती है — अपने लिखे गीत भूल जाती है, कभी-कभी कृष्ण को भी पहचानने में दिक्कत होती है। लेकिन कृष्ण उसे हर बार प्यार से याद दिलाता है कि वो कौन है, उनकी कहानी क्या है, और कैसे उन्होंने साथ में सबसे खूबसूरत गाने बनाए थे।
🌍 संगीत, दर्द और उम्मीद:
कृष्ण, वाणी के आखिरी दिनों को खास बनाने के लिए उसकी कविताओं को एक म्यूजिकल एल्बम में बदल देता है — “Saiyaara”। यह एल्बम न सिर्फ उनके प्रेम की कहानी को अमर बनाता है, बल्कि वाणी की पहचान को भी बचा लेता है — एक ऐसी लेखिका के रूप में, जिसने जीवन के सबसे कठिन मोड़ पर भी अपनी सच्चाई को शब्दों में ढाल दिया।
🧠 क्लाइमैक्स और अंत:
फिल्म का अंतिम हिस्सा दिल को छू लेने वाला है। वाणी अब लगभग सब कुछ भूल चुकी होती है। लेकिन जब कृष्ण मंच पर उसका लिखा आखिरी गाना गाता है, वाणी की आँखों से आँसू बहते हैं — मानो उसकी आत्मा अब भी सब याद कर रही हो।
फिल्म का अंत एक खुले लेकिन भावनात्मक नोट पर होता है। वाणी की हालत खराब हो जाती है, लेकिन कृष्ण उसका हाथ थामे उसके पास बैठा रहता है, जैसे वादा किया था – “तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा।”
🎵 भावनात्मक थीम और संदेश:
“सैयारा” सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है। यह एक सशक्त मानवीय कहानी है —
- प्यार की, जो हालातों से ऊपर उठता है
- कला की, जो इंसान को अमर बना देती है
- और यादों की, जो कभी-कभी भुला दिए जाने के बाद भी दिल में बची रह जाती हैं।
📊 बॉक्स ऑफिस और प्रतिक्रिया:
- रिलीज़ के पहले 5 दिनों में ₹130 करोड़ से ज़्यादा की कमाई
- साल 2025 की तीसरी सबसे बड़ी हिंदी फिल्म
- आलोचकों ने इसे “मोहित सूरी की अब तक की सबसे भावनात्मक फिल्म” कहा
- संगीत, अभिनय और कहानी की गहराई को खूब सराहा गया
🧡 निष्कर्ष:
“Saiyaara” 2025 की सबसे खूबसूरत फिल्मों में से एक है। यह नई पीढ़ी को बताती है कि प्यार सिर्फ खुशी के पलों में नहीं, बल्कि कठिनाइयों में साथ निभाने में साबित होता है। यह फिल्म उन लोगों को समर्पित है जो प्यार करते हैं — बिना किसी शर्त, बिना किसी सीमा के।